नई दिल्ली। गोहत्या के नाम देश के विभिन्न स्थानों पर पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटनाओं को किसी भी तरह से तर्कसंगत मानने से साफ इन्कार करते हुए सरकार ने गुरुवार को कहा कि ऐसे लोगों के साथ कोई सहानुभूति नहीं दिखाई जा सकती तथा इन मामलों में कानून पूरी तरह से अपना काम करेगा। दलितों एवं अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पी़डन के मुद्दे पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का सदन के नेता के रूप में जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, इस तरह की हिंसा को किसी भी तरह तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही इस तरह की घटनाओं की घोर निंदा कर चुके हैं। उन्होंने कहा, गाय के प्रति सम्मान एक अलग विषय है किन्तु इसे किसी के प्रति हिंसा का आधार नहीं बनाया जा सकता। हम विश्व के सबसे ब़डे लोकतंत्र हैं और हमारे यहां सबको बराबरी और धार्मिक विश्वास का अधिकार है। हमारी संस्कृति आपसी मतों का सम्मान करने की संस्कृति है। जेटली ने कहा, ऐसी घटनाओं को रोकने एवं उन पर कार्रवाई करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। कानून अपना काम करेगा। ऐसे लोगों के प्रति कोई संवेदना नहीं दिखाई जाएगी। प्रधानमंत्री भी इस बारे में सरकार के रुख को पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसा की हर घटना पर कानूनी कार्रवाई समुचित ढंग से हुई है। जो भी अपराध में शामिल हैं उनपर आरोपपत्र दाखिल किए जाएंगे और अभियोजन चलाया जाएगा। उन्होंने कहा, गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पैर में चोट लगी होने के बावजूद उन्होंने ऐसे प्रत्येक राज्य के मुख्यमंत्री से स्वयं बातचीत कर हालात का जायजा लिया। यह पूछा कि कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं।
गोरक्षा के नाम पर हत्या करने वालों के साथ कोई सहानुभूति नहीं : जेटली
गोरक्षा के नाम पर हत्या करने वालों के साथ कोई सहानुभूति नहीं : जेटली