नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी ने कहा है कि वह हमेशा फांसी दिए जाने के विरोधी रहे हैं और किसी भी तरह से मृत्युदंड का समर्थन नहीं कर सकते हैं। गांधी ने कांग्रेस सहित १८ विपक्षी दलों के उम्मदीवार के रूप में उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने के बाद यहां संसद भवन परिसर में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि वह किसी भी अपराध के लिए फांसी की सजा दिए जाने के विरोधी हैं। यह पूछने पर कि शिवसेना ने उन पर आतंकवादी याकूब मेमन को फांसी की सजा देने से बचाने और इस वजह से उनकी उम्मीदवारी का विरोध करने संबंध सवाल पर उन्होंने कहा कि शिव सेना ने वही किया जो उसे करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारों को जब फांसी की सजा सुनाई गई थी तो उनके दो पुत्रों ने भी कहा था कि बापू के हत्यारों को मृत्युदंड नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन तथा डॉ. अब्दुल कलाम आजाद भी किसी अपराध के लिए मृत्युदंड दिए जाने के खिलाफ थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र ने एक सवाल पर कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पत्र लिखा है और भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा दिए जाने के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी अपराध के लिए मौत की सजा नहीं होनी चाहिए।
मैं मृत्यदंड दिए जाने का विरोधी हूं : गोपालकृष्ण
मैं मृत्यदंड दिए जाने का विरोधी हूं : गोपालकृष्ण