मनाली। कहते हैं शौक और मजबूरी आपसे जिंदगी में कुछ भी करवा सकते हैं। फिर चाहे इसके लिए कुछ भी करना प़डे। पर्यटन नगरी मनाली की रवीना की कहानी तो कम से कम ऐसी ही है। दो हजार टैक्सी चालकों के बीच इकलौती महिला टैक्सी चालक हैं। बीस साल की रवीना अपने परिवार और मां की मदद करती हैं। उन्होंने तीन साल पहले अपने पिता को खो दिया था। रवीना टैक्सी चलाने के साथ-साथ प़ढाई भी कर रही हैं। बीमारी के चलते रवीना के पिता की मौत के बाद घर के हालात बदल गए। रवीना ने नियमित प़ढाई छो़ड प्राइवेट प़ढाई शुरू की। साथ ही परिवार के लिए कमाई का कोई साधन न होने के कारण टैक्सी चलाना भी शुरू कर दिया। अब वह मनाली की पहली महिला टैक्सी चालक बन गई है। बाकायदा उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी है।रवीना कहती हैं कि वैसे तो उनका सपना आर्मी में जाने का है, लेकिन मजबूरी के कारण टैक्सी चलानी प़ड रही है। वह नहीं चाहती कि किसी पर भी बोझ बने। इससे वह अपने घर की आजीविका भी चला रही है। रवीना ने बताया कि तीन साल पहले सांस की दिक्कत होने के कारण उनके पिता की मौत हो गई थी। घर में टैक्सी थी, लेकिन उसे चलाने वाला कोई नहीं था। ऐसे में उन्होंने टैक्सी चलाना शुरू किया। मां ने भी पूरा सहयोग दिया। रवीना का एक छोटा भाई और छोटी बहन है।क्वरुप्रय्र् ब्स् ्य·र्ैं द्धष्ठट्टर् ट्टस्€फ्र् घ्ध्य् द्यब्र् ब्स् दृ द्बय्ैंरवीना की माता शांता देवी का कहना है कि उन्हें काफी खुशी है कि उनकी बेटी मनाली में टैक्सी चला रही है। इसके पापा भी टैक्सी चलाते थे। उन्होंने बताया कि पति की मृत्यु के बाद उनके पास आय का कोई साधन नहीं था, तब उनकी बेटी आगे आई और टैक्सी चलाना शुरू कर दिया। शांता देवी ने कहा कि हालांकि शुरुआत में लोगों ने काफी रोका कि ल़डकी को इस क्षेत्र में न जाने दें, लेकिन बेटी ने उन्हें समझाया और तब उन्होंने रवीना का पूरा सहयोग किया। रवीना दिल्ली, चंडीग़ढ और मनाली के आसपास सवारियां ले जा चुकी हैं।पर्यटन नगरी मनाली में रवीना के पहली महिला टैक्सी चालक बनने पर दूसरे टैक्सी चालकों ने खुशी जताई है। उनका कहना है कि यह एक अच्छी बात है कि अब उनके साथ महिला चालक भी है। इसके लिए वह रवीना को शुभकामनाएं देते हैं। कई चालकों का कहना है कि अक्सर देखा जाता था कि कई बार महिला पर्यटकों को पुरुष टैक्सी चालकों से बात करना काफी मुश्किल लगता है। वे खुल के बात नहीं कर पाती थी। अब अच्छी बात है कि अब उनके साथ एक युवती भी जु़ड गई है। उन्होंने कहा कि हम उसका पूरा सहयोग करेंगे।
पिता की मौत के बाद बदले हालात ने रवीना बनी मनाली की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर
पिता की मौत के बाद बदले हालात ने रवीना बनी मनाली की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर