नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की बीपी, रूस की रोसनेफ्ट, सऊदी आर्मको और ओएनजीसी, आईओसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत शीर्ष वैश्विक तथा भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ सोमवार को बैठक की। इस बैठक का मकसद तेल एवं गैस खोज एवं उत्पादन क्षेत्र में निवेश को गति देना है।बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ऐसी अर्थव्यवस्था की ओर ब़ढ रहा है जो स्वच्छ एवं दक्ष ईंधन पर आधारित होगी और इसका फायदा समाज के सभी खासकर निर्धतम वर्ग को समान रूप से मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने यहां तेल एवं गैस क्षेत्र की वैश्विक कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श के दौरान यह बात कही। मोदी ने कहा कि देश में ऊर्जा क्षेत्र की स्थिति बहुत ही असमान है। उन्होंने ऊर्जा की ढांचागत सुविधाओं के विकास की तथा देश के पूर्वी हिस्से तक ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करने की जरूरत बताई। बॉयोमास ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं बताते हुए उन्होंने कोयला गैसीकरण के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने तथा भागीदारी के लिए भी आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने तेल एवं गैस क्षेत्र में नवोन्मेष एवं शोध की भी जरूरत बताई। उन्होंने समग्र ऊर्जा नीति बनाने के सुझावों का स्वागत किया। मोदी ने ऊर्जा क्षेत्र में भारत की मदद के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन को धन्यवाद दिया तथा सऊदी अरब के विजन-२०१३ की प्रशंसा की। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में भारत और सऊदी अरब के बीच सहयोग ब़ढेगा। मोदी ने बीपी पीएलसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बॉब डुडले, रोसनेफ्ट के सीईओ इगोर सेचिन, रॉयल डच शेल की परियोजना एवं प्रौद्योगिकी निवेशक हैरी ब्रेकेलमेन्स, सऊदी आर्मको के मुख्य कार्यपालक अमीन एच नासीर, एक्सोन मोबिल के गैस और बिजली क्षेत्र के अध्यक्ष रॉब फ्रैंकलिन, आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी और वेदांता रिर्सोसेज के प्रमुख अनिल अग्रवाल के अलावा सार्वजिनक क्षेत्र की ओएनजीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शशि शंकर और इंडियन ऑयल के चेयरमैन संजीव सिंह सहित विभन्न कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की और वैश्विक तेल एवं गैस परिदृश्य पर चर्चा की। बैठक दो घंटे से अधिक समय चली। सूत्रों के अनुसार बैठक का मुख्य विषय तेल एवं गैस क्षेत्र में खोज एवं उत्पादन, प्रसंस्करण, परिवहन एवं वितरण नेटवर्क में निवेश को ब़ढावा देना है।नीति आयोग ने बैठक में क्षेत्र के बारे में २०३० तक मांग एवं आपूर्ति की स्थिति तथा सरकार की मौजूदा नीतियों के संदर्भ में प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में धर्मेन्द्र प्रधान के अलावा बिजली एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह और नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार भी शामिल हुए।
गरीबों को मिले स्वच्छ ईंधन पर आधारित अर्थव्यवस्था का फायदा : मोदी
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