संसद में पुणे हिंसा मामले की गूंज

संसद में पुणे हिंसा मामले की गूंज

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पुणे में हुई हिंसा का मुद्दा संसद के दोनों सदनों में गूंजा और विपक्ष ने भारी हंगामा किया जिसके चलते कार्यवाही कई बार बाधित हुई। लोकसभा में प्रश्नकाल हुआ पर शून्यकाल की कार्यवाही बाधित हुई और बाद में कांग्रेस सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। उनकी मांग थी कि इस घटना की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जाए और दलितों पर अत्याचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री सदन में वक्तव्य दें। राज्यसभा में भी इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ और भोजनावकाश तक हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हुआ लेकिन भोजनावकाश के बाद हंगामे के बीच तीन तलाक संबंधित विधेयक पेश किया गया। विपक्षी सदस्य इसे प्रवर समिति के पास भेजे जाने की मांग को लेकर अ़डे रहे जिसके कारण सदन में अव्यवस्था फैल गई और कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश अंबेडकर ने बुधवार को कहा कि भीमा कोरेगांव ल़डाई के स्मृति कार्यक्रम के खिलाफ हुई हिंसा के विरोध में विभिन्न दलित एवं अन्य संगठनों द्वारा बुलाया गया दिनभर का महाराष्ट्र बंद वापस ले लिया गया है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य की करीब ५० फीसद लोगों ने इस बंद में हिस्सा लिया। अंबेडकर ने दावा किया कि बंद शांतिपूर्ण रहा। प़डोसी महाराष्ट्र में भ़डकी जातीय हिंसा के बीच अज्ञात लोगों ने बुधवार को गुजरात के राजकोट के मुस्लिम और दलित बहुल धोराजी के निकट एक सरकारी बस में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि राजकोट से उपलेटा जा रही राज्य परिवहन निगम की बस जिसे लोकप्रिय तौर पर एसटी बस कहा जाता है, को रोक कर आधा दर्जन अज्ञात लोगों ने इसमें सवार ३० से अधिक यात्रियों को भूखी चौक़डी के निकट उतार दिया। चालक पर हमला कर उससे चाबी छीन ली और बस पर पेट्रोल छि़डक कर आग लगा दी। आगजनी करने वाले यात्री बन कर आए थे।

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