बैग में दिल रखकर घूमती है ये महिला

बैग में दिल रखकर घूमती है ये महिला

र्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी में दिल को निकालकर दूसरा हार्ट लगाया जाता है लेकिन ब्रिटेन में एक ऐसी महिला है जिसे डॉक्टरों ने हार्ट ट्रांसप्लांट करने के बजाए ऐसा आर्टीफिशल हार्ट लगाया है जो उसके शरीर के अंदर नहीं है बल्कि बाहर है। वो अपना हार्ट एक अलग बैग में साथ लेकर चलती हैं। ३९ साल की सेल्वा हुसैन ब्रिटेन में इकलौती ऐसी महिला हैं जिनका हार्ट शरीर के अंदर नहीं बल्कि उनके शरीर के बाहर है। इतना ही नहीं वो अपना दिल एक बैकपैक में साथ लेकर चलती हैं। ये मुमकिन हुआ है डॉक्टरों की खास आर्टिफिशल हार्ट सर्जरी से। दरअसल दो बच्चों की मां सेल्वा को ६ महीने पहले सांस लेने में काफी दिक्कत हुई। परेशानी इतनी ब़ढ कि वो तुरंत डॉक्टर के पास पहुंची। डॉक्टर ने उन्हें सीरियस हार्ट फेलियर की दिक्कत बताई और उन्हें अस्पताल में रेफर कर दिया। यहां डॉक्टरों ने उन्हें जीवित रखने के लिए काफी मशक्कत की। डॉक्टरों ने बताया कि सेल्वा ही हालत इतनी नाजुक थी कि न उन्हें लाइफ सपोर्ट के जरिए जीवित रखा जा सकता था और न ही उनकी हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी की जा सकती थी। इसलिए उन्हें एक ऐसा सिस्टम लगाया गया जो शरीर के बाहर रहता है, लेकिन उसका कनैक्शन शरीर के भीतर इस तरह किया जाता है कि वो बिलकुल हार्ट की तरह ही शरीर में खून पंप करता है। दरअसल सेल्वा जो अपने साथ बैग रखती हैं उसमें दो बैटरी, एक मोटर और एक पंप रखा होता है। मोटर की मदद से यह पंप दो पाइपों के जरिए शरीर के अंदर लगे प्लास्टिक के दो चैबर्स में हवा पहुंचाता है, जो शरीर के सभी हिस्सों में खून पंप करते हैं। इसके अलावा सेल्वा अपने साथ एक और बैग रखती हैं जो बैक-अप यूनिट है। यानि अगर उनका सिस्टम कभी खराब हो जाए तो सिर्फ ९० सैकेंड के अंदर ये बैक-अप यूनिट लगाना होता है। यही कारण है कि उनके पति और एक सहायक हमेशा उनके साथ रहते हैं। सेल्वा का पांच साल का एक बेटा है और १८ महीने एक बेटी है। सेल्वा कहती हैं, मैं ये सर्जरी होने से पहले और उसके बाद काफी बीमार थी। मुझे ठीक होने में लंबा वक्त लगा।

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