नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म पद्मावती के खिलाफ दायर याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं फिल्म का विरोध करने वाले लोगों को ब़ढावा देती है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरी शंकर की पीठ ने याचिका को निराशाजनक और गलत ढंग से तैयार की गई बताया। याचिका में मांग की गई थी कि फिल्म की रिलीज से पहले एक समिति का गठन किया जाए जो यह प़डताल करे कि इसमें इतिहास के साथ कोई छे़डछा़ड तो नहीं की गई है।पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से सवाल किया, क्या आपने फिल्म देखी है? जो लोग सिनेमाघरों को आग लगा रहे हैं क्या उन्होंने फिल्म देखी है? इस तरह की याचिका के जरिए आप आंदोलन कर रहे लोगों को ब़ढावा दे रहे हैं। याचिकाकर्ता अखंड राष्ट्रवादी पार्टी से पीठ ने कहा कि अदालत इस याचिका को स्वीकार नहीं कर रही है, इस स्थिति में वह सेंसर बोर्ड का दरवाजा खटखटाए। याचिका में कहा गया था कि फिल्म में कथित रूप से ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छे़डछा़ड की गई है इसलिए समिति का गठन करना जरूरी है।
‘पद्मावती’ की रिलीज के खिलाफ याचिका खारिज
‘पद्मावती’ की रिलीज के खिलाफ याचिका खारिज