नई दिल्ली/वार्ताराज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन की हिन्दी समिति की बैठक साल में अनिवार्य रुप से दो बार करने के निर्देश देेते हुए मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय एकीकरण को प्रोत्साहन देने के लिए उत्तर भारतीय लोगों को दक्षिण भारत की कम से कम एक भाषा अवश्य सीखनी चाहिए। नायडू ने सदन की हिंदी सलाहाकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए इसकी साल में कम से कम दो बार बैठक आयोजित करने के आदेश दिये। उन्होंने समिति की बैठक सा़ढे तीन वर्ष के बाद आयोजित करने पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे संबंधित प्रावधानों को पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए।बैठक में सदन के उपसभापति प्रो. पीजे कुरियन के अतिरिक्त सांसद डा. सत्यनारायण जटिया, हरिवंश, डा. विनय पी. सहस्रबुद्धे, डा. के. केशव राव, प्रभात झा, रवि प्रकाश वर्मा, प्रसन्ना, आचार्य और श्रीमती झरना दास बैद्य ने भाग लिया। हिंदी सलाहकार समिति की अंतिम बैठक दिसम्बर, २०१४ में आयोजित की गई थी। सभापति का पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद नायडू ने समिति का पुनर्गठन किया और आज उसकी पहली बैठक संयोजित की। उन्होंने संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान समिति की अगली बैठक आयोजित करने का निर्देश दिये।
उत्तर भारतीय लोग दक्षिण भारत की एक भाषा सीखे : नायडू
उत्तर भारतीय लोग दक्षिण भारत की एक भाषा सीखे : नायडू