नई दिल्ली। मुस्लिम तुष्टिकरण की अपनी नीति के लिए मशहूर और अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करने का दावा करने वाला राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी) अब बदलती राजनीतिक स्थितियों के कारण अपने सिद्धांतों से समझौता करता नजर आ रहा है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप के ताजा बयान से इस प्रकार के संकेेत मिलने लगे हैं। नालंदा जिले के मघ़डा गांव में शीतालष्टमी मेले में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए तेजप्रताप ने कहा कि यदि बिहार में राजद की सरकार बनती है तो वह आयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करेंगे। समय-समय पर विवादित बयान देने वाले तेजप्रताप ने कहा कि वह बिहार से ईंटंे लेकर उत्तरप्रदेश जाएंगे और वहां राम मंदिर का निर्माण कराएंगे। इसके साथ ही उन्होंने राम मंदिर का निर्माण सभी धर्म के लोगों के साथ मिलकर करने का दावा किया। बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद को ऐसे राजनेता के रुप में जाना जाता है जो मुस्लिमों का विशेष समर्थन करते हैं। राजद का मुख्य वोट बैंक भी मुस्लिम और यादव समुदाय के लोग मान जाते हैं। तेजप्रताप ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी पर वोट बटोरने के लिए राम मंदिर निर्माण के मुद्दे का उपयोग करने का आरोप भी लगाया। ९० के दशक में लालू यादव भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के रथ को रुकवा कर और उन्हें गिरफ्तार करवाने के बाद सुर्खियों में आए थे और वह मुस्लिमों के चहेते बन गए थे। तेजप्रताप द्वारा राम मंदिर में दिलचस्पी दिखाए जाने के बाद से बिहार की राजनीति में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पूर्व तेजप्रताप ने मेले में शंख फूंककर और बांसुरी वादन कर दंगल प्रतियोगिता का शुभारंभ किया और दंगल प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया।
लालू के बेटे तेजप्रताप की राम मंदिर में अचानक बढी दिलचस्पी
लालू के बेटे तेजप्रताप की राम मंदिर में अचानक बढी दिलचस्पी