बेटे को रास नहीं आई मां-बाप की नसीहत, पूरे परिवार को उतारा मौत के घाट

बेटे को रास नहीं आई मां-बाप की नसीहत, पूरे परिवार को उतारा मौत के घाट

घटना का आरोपी सूरज (पीछे) और परिजन।

नई दिल्ली। यहां वसंत कुंज के किशनगढ़ गांव में 19 साल के बेटे ने ही पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। उसने अपने माता-पिता और बहन की बेरहमी से हत्या की थी। उसने अपने परिजनों पर उस वक्त चाकुओं से वार किया जब वे सो रहे थे। इसके बाद हत्या के आरोपी सूरज को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद लोग सन्न हैं। इस पूरे मामले में यह बात सामने आई है कि सूरज अपने परिजनों की समझाइश से चिढ़ा हुआ ​था और इसीलिए उसने सबको मौत के घाट उतारने का फैसला किया।

इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए उसने बिल्कुल पेशेवर अपराधियों की तरह योजना बनाई। उसने मंगलवार रात को परिजनों के साथ खाना खाया और सोने चला गया। फिर रात को चाकुओं से हमला कर माता—पिता और बहन को मार डाला। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, सूरज के पिता मिथिलेश इस बात से काफी चिंतित रहते थे कि उनका बेटा गलत रास्ते पर जा रहा है। वे उसे कई बार समझा चुके थे। कई बार सख्ती भी बरती। उसकी मां सिया और बहन नेहा ने भी समझाने की कोशिश की।

चिराग से लगी घर को आग
इन सबसे सूरज पर अच्छा असर होना तो दूर उसने सभी को रास्ते से हटाने का ही षड्यंत्र रच दिया। उसने अपने परिजनों पर 30 से ज्यादा वार किए। उसने अपनी बहन नेहा का गला काटा था। पिता के भी गले, पेट व छाती पर चाकू और कैंची से हमला किया। पुलिस की जानकारी के अनुसार, सूरज के कुछ साथियों का चालचलन अच्छा नहीं था। उन्होंने अलग से एक फ्लैट किराए पर लिया था। यहां ऐसी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता था, जिन्हें सभ्य समाज ठीक नहीं मानता। ये लोग नशे के आदी थे।

रुपए मांगता, झगड़ा करता
सूरज अपनी इन हरकतों को आजादी का नाम देता था। वह अपने पिता से रुपए मांगता और आए दिन घर में झगड़ा करता। उसके माता—पिता और बहन पढ़ाई के लिए नसीहत देते और बुरी संगति से दूर रहने के लिए कहते तो वह भड़क उठता। आखिरकार उसने षड्यंत्र रचा। सूरज बाजार जाकर कैंची और चाकू खरीद लाया। मंगलवार रात को खाना खाने के बाद जब सब सो गए तो करीब 3 बजे उठा और सबसे पहले पिता की हत्या की। ​उसके बाद मां की हत्या की। तब तक बहन को भनक लग चुकी थी। सूरज ने उस पर भी हमला कर हत्या कर दी।

रची थी अपहरण की झूठी कहानी
हत्याकांड सामने आने के बाद सूरज ने पुलिस की जांच को भटकाना चाहा। उसने झूठी कहानी गढ़ी कि दो हत्यारे बाहर से आए थे और वारदात कर भाग गए। जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया और अपना अपराध स्वीकार कर लिया। सूरज की एक और करतूत का पर्दाफाश हुआ है। करीब चार साल पहले वह घर से भाग गया था और अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी।

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