जोधपुर/दक्षिण भारत। हाथीराम का ओडा में दीनानाथ मंदिर के नीचे स्थित धनेश्वर ज्वैलर्स के मालिक अश्विनी कुमार सोनी के साथ करीब दो महीने पहले एसयूवी कार में आए एक युवक व दो महिलाओं द्वारा नकली सोने की भारी बाजूबंद गिरवी रखने और घर में शादी के बहाने दो लाख रुपए की असली ज्वैलरी ले जाकर ठगी करने वाले गिरोह ने पूरे शहर में 25 से ज्यादा ज्वैलर्स को ठगी का शिकार बनाया है।
ऐसे कई पीड़ित एक के बाद एक लगातार सामने आ रहे हैं और थानों में उस गिरोह के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए रिपोर्ट भी दे रहे हैं। ऐसे ही चार पीड़ित सोमवार को पुलिस आयुक्त से मिले और उस गिरोह द्वारा एक ही तरीके से की जा रही ठगी की वारदातों के बारे में बताते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
डरकर खामोश बैठे कारोबारी
इन व्यवसायियों ने पुलिस कमिश्नर को बताया कि गिरोह में शामिल महिलाएं उन्हें एससी-एसटी, दुष्कर्म के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकियां दे रही हैं और इन्हीं धमकियों की वजह से कई कारोबारी डरकर चुप बैठे हैं। इस संगठित गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई होने की स्थिति में ऐसे कई अन्य पीड़ित भी सामने आ सकते हैं।
जोधपुर शहर के अलावा लूणी, तिंवरी व पीपाड़ शहर सहित जिले के कई अन्य कस्बों में भी ऐसे कई ज्वैलरी व्यवसायी इस गिरोह के शिकार बन चुके हैं। सांगरिया इलाके में रहने वाला शेरसिंह राजपुरोहित और उसके साथ कमला व गीता गत 26 जून की शाम करीब साढ़े चार बजे स्कॉर्पियो लेकर हाथीराम का ओडा इलाके में धनेश्वर ज्वैलर्स पर पहुंचे।
बाद में भुगतान का वादा
तीनों ने ज्वैलर अश्विनी सोनी से जेवर खरीदने की बात की और नेकलेस, बाला जोड़ी, मंगलसूत्र, कान चेन, नाक की एक फीणी व एक बाली सहित 65.310 ग्राम सोने की ज्वैलरी पसंद की। इनका कुल 2 लाख 8 हजार 341 रुपए बिल बना। इस दौरान तीनों शातिरों ने खुद के घर में शादी की बात कहते हुए कहा कि उनके पास 8-10 दिन में रुपए आएंगे, तब भुगतान करेंगे। तब तक एक हाथ का बाजू पोवाई किया हुआ और एक बालिया जोड़ी, जिसका वजन करीब 7.380 ग्राम नग मोती सहित था, वह गिरवी रखने और साथ में 20 हजार रुपए रोकड़ देने की बात कही।
चिकनी-चुपड़ी बातों में उलझाया
अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में उलझाकर तीनों शातिर 1 लाख 88 हजार 341 रुपए बकाया रखकर ज्वैलरी ले गए। 15 दिन बाद भी शेरसिंह वापस भुगतान करने और गिरवी रखा बाजूबंद छुड़ाने नहीं आया तो सोनी को उस पर संदेह हुआ। पीड़ित ज्वैलर्स का कहना है कि गिरोह ने जहां भी नकली सोने का बाजू या अन्य ज्वैलरी गिरवी रखी, उसे रोजाना ज्वैलरी का काम करने वाले सुनार नहीं पकड़ पा रहे हैं, तो गोल्ड पर फाइनेंस करने वाली कंपनियों के लिए तो यह काम और भी मुश्किल है।
ऐसे में संभव है कि इस गिरोह ने शहर में कई फाइनेंस कंपनियों में भी नकली ज्वैलरी गिरवी रखकर लाखों रुपए का लोन लिया होगा। ज्वैलर राजेश कश्यप, गजेंद्र सहित अन्य ने बताया कि गिरोह में शामिल कमला और गीता खुद असली सोने की करीब एक किलो वजनी ज्वैलरी पहनती हैं। वारदात के दौरान भी ये काफी महंगी ज्वैलरी पहनी हुई रहती हैं और इन्हें देखकर कोई भी ज्वैलर उन पर शक नहीं करता। ये तीनों बातें भी ऐसी करते हैं, जिससे लोगों को कोई संदेह नहीं होता।