जो लोग नए-नए मां-बाप बनते हैं, उन्हें सबसे पहले अपनी नींद गंवाकर इस खुशी की कीमत चुकानी प़डती है। धरती पर नई-नई अवतरित हुई जिंदगी की देख-भाल में नींद खराब होती है, क्योंकि बच्चा कभी भी उठ सकता है। कभी भी उसकी जरूरतें हो सकती हैं्। मजबूत से मजबूत रिश्ते में इसकी वजह से दरार आ सकती है। ये मां-बाप की जिंदगी का सबसे ब़डा तनाव होता है। इससे उनकी सेहत पर भी बहुत बुरा असर प़डता है।अगर आप का बच्चा दुनिया का सबसे शांत बच्चा है। ज्यादातर वक्त सोचता रहता है। इसके बाद भी रात में कभी भी उसकी देख-भाल के लिए आपको उठना प़ड सकता है। ऐसा पी़ढी-दर-पी़ढी होता आया है। पर, क्या इक्कीसवीं सदी में इस सदियों पुरानी चुनौती का हल ढूं़ढ लिया गया है।कुछ खास है ये चारपाई?ये एक ऐसी चारपाई है, जो खुद से हिल सकती है। आपके बच्चे को सुला सकती है। तकनीकी तरक्की का ये एक फायदा है, जो किसी नवजात के मां-बाप को सुकून से सोने में मददगार बन सकता है। स्नू की खूबी ये है कि ये बच्चे को गर्भ में रहने वाला एहसास दे सकती है। ये चारपाई उसी तरह का सेन्सेशन, शोर और एक झिल्ली से घिरे होने का एहसास बच्चे को कराती है, जो बच्चे ने मां के गर्भ में महसूस की होती है।लेकिन, सवाल ये भी है कि क्या ये चारपाई किसी इंसान के छूने का एहसास दे सकती है? जब इस चारपाई को बच्चे के रोने की आवाज ’’सुनाई’’ प़डती है, तो ये अपने डेटा में दर्ज सबसे शांत शोर और हिलाने-डुलाने के विकल्प को चुन कर बच्चे को शांत करती है। स्नू बनाने वालों का दावा है कि ये गर्भ के भीतर के एहसास को समेटे हुए उपकरण है। इससे बच्चे की नींद में एक घंटे या इससे भी ज्यादा का इजाफा हो जाता है।बच्चों को सुलाने का हुनरस्नू बच्चे को तसल्ली भी देती है। इसमें सोने का एक अलग हिस्सा है, जो बिस्तर से जु़डा हुआ है। वो बच्चे को हिलाता भी है और उन्हें पीठ के बल लिटाए भी रखता है, ताकि वो आराम से सो सकें्। अमरीकन एकेडेमी ऑफ पेड्रियाटिक्स कहती है कि बच्चों को पीठ के बल ही सुलाना चाहिए्। ब्रिटिश एनएचएस से जु़डी संस्थाएं भी यही सलाह देती हैं्। बच्चे अगर पेट के बल लेटते हैं तो उनकी अचानक से होने वाली मौत यानी सडेन इनफैंट डेथ सिंड्रोम के शिकार होने का खतरा रहता है।
मां की गोद की जगह लेने आ गई मशीन
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