महाराष्ट्र: ग्रामीणों की अनूठी पहल, धार्मिक रीति-रिवाजों का खर्च घटाकर स्कूल के लिए किया दान

महाराष्ट्र: ग्रामीणों की अनूठी पहल, धार्मिक रीति-रिवाजों का खर्च घटाकर स्कूल के लिए किया दान

औरंगाबाद/भाषा। महाराष्ट्र के एक गांव ने अनूठी पहल करते हुए धार्मिक गतिविधियों पर होने वाला खर्च कम करने और इस धन से जिला परिषद के स्कूल को उन्नत बनाने का फैसला किया है।

जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवनीत कौर ने मंगलवार को बताया कि औरंगाबाद जिले के पोखरी गांव के स्कूल परिसर का विस्तार करने के लिए दो एकड़ भूमि खरीदने की योजना है। वर्तमान में स्कूल परिसर 20,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला है।

इस पहल पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, गांव वासियों ने स्कूल को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने का निर्णय लिया है। इसमें जिला परिषद भी दिल खोलकर दान देगी।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण आंगनवाड़ी और स्कूल की कंप्यूटर लैब का उन्नयन पहले ही कर चुके हैं। अब उनकी योजना दो एकड़ भूमि खरीदकर स्कूल परिसर का विस्तार करने की है।

इस पहल की अगुवाई कर रहे पोखरी के निवासी बाला साहेब भोसले ने कहा, स्कूल को और यहां की सुविधाओं को उन्नत बनाने के लिए तीन महीने पहले ग्रामीणों ने धार्मिक गतिविधियों पर खर्च कम करने का फैसला लिया था।

इसमें भागवत सप्ताह के दौरान टैंट लगाने, मिठाई बांटने जैसे खर्च कम करने समेत अन्य धार्मिक समारोहों में होने वाले खर्च में भी कटौती की गई है।

भोसले ने बताया, हमने तय किया है कि विभिन्न धार्मिक समारोहों में दाल एक ही स्थान पर बनाई जाएगी जबकि चपाती सभी लोग अपने-अपने घर से लाएंगे। इससे जो पैसा बचेगा वह स्कूल को उन्नत बनाने में लगाएंगे।

उन्होंने बताया कि अब तक 10 लाख रुपए स्कूल की कंप्यूटर लैब को बेहतर बनाने में, आंगनवाड़ी को डिजिटल तथा अधिक आकर्षक बनाने खर्च किए गए हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत 50,000 रुपए देगी, बाकी का योगदान ग्रामीणों की ओर से आएगा।

उन्होंने बताया कि स्कूल के लिए जमीन खरीदने के लिए प्रत्येक घर से न्यूनतम 5,000 रुपए का योगदान दिया जाएगा।

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