नई दिल्ली/भाषा। संसद में विरोध जताने के लिए आसन के समक्ष आकर सदस्यों द्वारा नारेबाजी करने के चलन की ओर ध्यान दिलाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने दल भाजपा सहित सभी राजनीतिक पार्टियों को बीजू जनता दल एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से सीख लेने की नसीहत दी और कहा कि ‘आसन के समक्ष आए बिना भी राजनीतिक विकास हो सकता है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने उच्च सदन के 250वें सत्र के अवसर पर ‘भारतीय राजनीति में राज्यसभा की भूमिका … आगे का मार्ग’ विषय पर हुई विशेष चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि राकांपा और बीजद ने खुद ही तय किया है कि वे आसन के समक्ष नहीं आएंगे।
दोनों दलों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राकांपा और बीजद के सदस्य आसन के समक्ष नहीं आते। उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने खुद ही तय किया है कि उनके सदस्य आसन के समक्ष नहीं आएंगे। उनके सदस्यों ने इस नियम का पालन भी किया है।
उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि आसन के समक्ष न आने से इन दलों का राजनीतिक विकास रुक गया। ‘ऐसा नहीं करने से उनकी विकास यात्रा नहीं रुकी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तब हमारे सदस्य भी ऐसा करते थे। मोदी ने राकांपा और बीजद की मिसाल देते हुए कहा मेरी पार्टी तथा अन्य दलों को भी इससे सीख लेना चाहिए।’ उन्होंने स्वीकार किया कि विगत में स्वयं उनकी पाटी के सदस्य आसन के समक्ष गए थे।