इंफाल/भाषा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान उनके गले में परंपरागत मणिपुरी मफलर ‘मितेई लेंग्यान’ ने सबका ध्यान आकर्षित किया, विशेष रूप से पूर्वोत्तर के इस राज्य के लोगों का। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से देशभर में जारी लॉकडाउन को तीन मई तक बढाने की घोषणा के दौरान प्रधानमंत्री मणिपुरी मफलर पहने हुए थे, इसे ‘लीरूम फी’ के नाम से भी जाना जाता है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से पुरुष करते हैं।
मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल की प्रोफाइल तस्वीर भी बदल दी है जिसमें वह लेंग्यान का इस्तेमाल चेहरे के मास्क के तौर पर कर रहे हैं। समारोहों में अतिथियों को प्रदान किए जाने वाला यह मफलर अलग-अलग रंगों का होता है और सामान्य तौर पर इसका किनारा लाल रंग का और चौड़ा होता है ।
मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, विपक्षी कांग्रेस के प्रवक्ता एनबी मितेई और आम लोगों ने इस पर प्रसन्नता जाहिर की है कि प्रधानमंत्री ने इस मफलर को धारण किया है जिसे राज्य का सांस्कृतिक प्रतीक माना जाता है।
हेपतुल्ला ने बताया, ‘मैं इसे देख कर बहुत प्रसन्न हूं। इससे यह पता चलता है कि हमारे प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर का ध्यान रखते हैं।’ मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्र के नाम संबोधन के समय मणिपुरी मितेई लेंग्यान का इस्तेमाल करने के लिए माननीय प्रधानमंत्रीजी को मेरी सच्ची सराहना एवं सलाम। लेंग्यान परंपरा एवं संस्कृति का प्रतीक है।’
उन्होंने कहा, ‘यह दर्शाता है कि हमारे प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर का खासतौर से मणिपुर का कितना ध्यान रखते हैं और प्यार करते हैं। सिंह ने प्रधानमंत्री की वह तस्वीर भी साझा की है जिसमें लेंग्यान का इस्तेमाल वह चेहरे के मास्क के तौर पर भी कर रहे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एनबी मितेई ने भी ‘गौरवान्वित’ महसूस किया क्योंकि प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन के लिए मणिपुरी मफलर को चुना। उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह देखकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि देश के नाम संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने हमारा परंपरागत मितेई मफलर पहना।’ मणिपुर के कुछ अन्य लोगों ने भी इसके लिए प्रधानमंत्री की सराहना की।