जयपुर/भाषा। केंद्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भरतपुर के बंशी पहाड़पुर में खनिज बलुआ पत्थर के खनन के लिए वन भूमि के परिवर्तन (डायवर्जन) की प्रथम स्तरीय स्वीकृति जारी कर दी है। इससे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए इस महत्वपूर्ण पत्थर के वैध तरीके से खनन का मार्ग प्रश्स्त होगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (खान) सुबोध अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लॉक तैयार कर इनकी नीलामी की राह प्रशस्त हो गई है। उन्होंने बताया कि इससे राम मंदिर के लिए बलुआ पत्थर वैध तरीके से खनन के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगा।
अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अथक प्रयासों से पिछले दिनों मार्च में बंशी पहाड़पुर खनन क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करवाया गया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने देश भर में बंशी पहाड़पुर के गुलाबी और लाल पत्थर की मांग को देखते हुए यहां हो रहे अवैध खनन को रोककर वैध खनन की अनुमति के लिए सभी संभावित प्रयास करने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने बताया कि बंशी पहाड़पुर के पत्थर की राम मंदिर निर्माण में भी मांग को देखते हुए यह राज्य सरकार के लिए संवेदनशील रहा है।
अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु मंत्रालय द्वारा दो दिन पहले 11 जून को जारी आदेश में बंशी पहाड़पुर क्षेत्र के 398 हैक्टेयर क्षेत्र के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय अनुमति जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अब विभाग द्वारा जल्दी ही नीलामी हेतु ब्लॉक तैयार किए जाएंगे और उन्हें ई-ऑक्शन के माध्यम से नीलाम किया जा सकेगा।
एक मोटे अनुमान के अनुसार इस क्षेत्र में करीब 70 ब्लॉक विकसित होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा डेलिमेनेशन की तैयारी शुरु कर दी गई है और यह कार्यवाही इस माह के अंत तक पूरी करने की कोशिश की जा रही है, ताकि भारत सरकार के ई-पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी तरीके से जल्द से जल्द ई-ऑक्शन किया जा सके। बंशी पहाड़पुर में ई-ऑक्शन से खनन पट्टे जारी होने पर राज्य सरकार को करीब 500 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है।