बाहरी और आंतरिक चुनौतियों से निपटने में आज भारत पूरी तरह सक्षम हो रहा है: मोदी

आज देशभर में एकता का संदेश लेकर आगे बढ़ रहे हमारे ऊर्जावान साथी, भारत की अखंडता के प्रति, अखंड भाव के प्रतीक हैं


नई दिल्ली/भाषा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय एकता दिवस पर महान स्वतंत्रता सेनानी एवं देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पटेल की प्रेरणा से भारत आज सभी प्रकार की बाहरी और आंतरिक चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने वीडियो संदेश में कहा, ‘सरदार पटेल हमेशा चाहते थे कि भारत सशक्त और समावेशी हो, संवेदनशील और सतर्क भी हो, विनम्र भी हो और विकसित भी हो। उन्होंने देशहित को हमेशा सर्वोपरि रखा। आज उनकी प्रेरणा से भारत, बाहरी और आंतरिक हर प्रकार की चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम हो रहा है।’

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत के लिए जीवन का हर पल जिसने समर्पित किया, ऐसे राष्ट्र नायक सरदार वल्लभभाई पटेल को आज देश अपनी श्रद्धांजली दे रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल सिर्फ इतिहास में ही नहीं, बल्कि हम देश वासियों के हृदय में भी हैं। आज देशभर में एकता का संदेश लेकर आगे बढ़ रहे हमारे ऊर्जावान साथी, भारत की अखंडता के प्रति, अखंड भाव के प्रतीक हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भावना देश के कोने-कोने में हो रही, राष्ट्रीय एकता परेड में, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर हो रहे आयोजनों में भली भांति देख रहे हैं। धरती के जिस भूभाग पर हम 130 करोड़ भारतीय रहते हैं, वह हमारी आत्मा, सपनों, आकांक्षाओं का अखंड हिस्सा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सैकड़ों वर्षों से भारत के समाज, परंपराओं से लोकतंत्र की जो मजबूत बुनियाद विकसित हुई उसने एक भारत की भावना को समृद्ध किया है। आजाद भारत के निर्माण में सबका प्रयास जितना तब प्रासंगिक था, उससे कहीं अधिक आजादी के इस अमृतकाल में होने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का यह अमृतकाल, विकास की अभूतपूर्व गति का है, कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का है। यह अमृतकाल सरदार साहब के सपनों के भारत के नवनिर्माण का है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत करते हुए आज देश में सामाजिक, आर्थिक और संवैधानिक एकीकरण का महायज्ञ चल रहा है। जल, थल, नभ, अंतरिक्ष हर मोर्चे पर भारत का सामर्थ्य और संकल्प अभूतपूर्व है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने हितों की सुरक्षा के लिए भारत आत्मनिर्भरता के नए मिशन पर चल पड़ा है। सरदार साहब हमारे देश को एक शरीर के रूप में देखते थे, एक जीवंत इकाई के रूप में देखते थे।

इसलिए, उनके 'एक भारत' का मतलब ये भी था, कि जिसमें हर किसी के लिए एक समान अवसर हों, एक समान सपने देखने का अधिकार हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से कई दशक पहले, उस दौर में भी, उनके आंदोलनों की ताकत ये होती थी कि उनमें महिला-पुरुष, हर वर्ग, हर पंथ की सामूहिक ऊर्जा लगती थी।

आज जब हम एक भारत की बात करते हैं तो उस एक भारत का स्वरूप क्या होना चाहिए? - एक ऐसा भारत जिसकी महिलाओं के पास एक से अवसर हों।

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