सरकार ने कॉल डेटा, इंटरनेट के इस्तेमाल संबंधी रिकॉर्ड दो साल के लिए सुरक्षित रखना अनिवार्य किया

इससे पहले, कॉल डेटा और इंटरनेट के इस्तेमाल संबंधी रिकॉर्ड कम से कम एक वर्ष के लिए सुरक्षित रखने का नियम था


नई दिल्ली/भाषा। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने उपभोक्ताओं के कॉल डेटा और इंटरनेट इस्तेमाल करने संबंधी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने की अवधि सुरक्षा कारणों से एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष कर दी है।

लाइसेंस में संशोधन 21 दिसंबर को जारी किए गए थे और 22 दिसंबर को इनका विस्तार अन्य प्रकार के टेलीकॉम परमिट तक कर दिया गया।

डीओटी के सर्कुलर में कहा गया, ‘लाइसेंस धारक सभी व्यावसायिक रिकॉर्ड/कॉल डिटेल रिकॉर्ड/एक्सचेंज डिटेल रिकॉर्ड/ आईपी डिटेल रिकॉर्ड के साथ-साथ नेटवर्क पर हुए संवाद के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखें। इस तरह के रिकॉर्ड सुरक्षा कारणों से कम से कम दो वर्ष के लिए सुरक्षित रखे जाएं।’

सर्कुलर में कहा गया कि यह संशोधन जनहित के लिए अथवा देश के सुरक्षा हितों के लिहाज से आवश्यक है।

संशोधन के तहत टेलीकॉम कंपनियों के लिए इंटरनेट सेवा, ई-मेल, इंटरनेट टेलीफोनी सेवाओं के लॉगइन और लॉगआउट ब्यौरों समेत उपभोक्ताओं का इंटरनेट डेटा रिकॉर्ड सुरक्षित रखना अनिवार्य है।

इससे पहले, कॉल डेटा और इंटरनेट के इस्तेमाल संबंधी रिकॉर्ड कम से कम एक वर्ष के लिए सुरक्षित रखने का नियम था।

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