मुंबई/दक्षिण भारत। स्वर कोकिला लता मंगेशकर नहीं रहीं। उनका रविवार को निधन हो गया। वे 92 साल की थीं। कई दिनों से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। उन्हें हाल में कोरोना संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे आईसीयू में थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया, 'मैं इसे अपना सम्मान मानता हूं कि मुझे लता दीदी से हमेशा अपार स्नेह मिला है। उनके साथ मेरी बातचीत अविस्मरणीय रहेंगी। लता दीदी के निधन से मुझे अपने देशवासियों के साथ शोक है। उनके परिवार से बात की और संवेदना व्यक्त की। ऊं शांति।'
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शोक जताते हुए कहा, 'देश की शान और संगीत जगत की सिरमौर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकरजी का निधन बहुत ही दुखद है। पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थीं।'
लता मंगेशकर को जनवरी में कोरोना संक्रमण के बाद स्वास्थ्य संबंधी तकलीफों के कारण ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। देशवासी उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थनाएं कर रहे थे। उन्होंने रविवार सुबह 8.12 बजे दुनिया को अलविदा कहा।
लता मंगेशकर 'स्वर साम्राज्ञी', 'सुर कोकिला', 'स्वर कोकिला' के नाम से जानी जाती थीं। उनके प्रशंसक भारत समेत दुनियाभर में थे। उन्होंने 30 हजार से ज्यादा गानों को आवाज दी थी।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में हुआ था। उनके पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर गायक और थिएटर कलाकार थे।