नई दिल्ली/भाषा। रूसी हमले के बाद युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे छात्रों सहित भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने के भारत के अभियान ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत पिछले 24 घंटों में भारत के लिए छह उड़ानें रवाना हुई हैं। वहीं, पोलैंड में भारतीय दूतावास ने लवीव, तर्नोपिल और पश्चिमी यूक्रेन के अन्य हिस्सों में फंसे भारतीयों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द पोलैंड की सीमा में दाखिल होने के लिए बुडोमिर्ज सीमा चौकी पर पहुंचें।
‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत भारतीयों को जमीनी सीमा चौकियों के जरिए यूक्रेन से निकलने के बाद हंगरी, रोमानिया, पोलैंड और स्लोवाकिया से हवाई मार्ग से स्वदेश लाया जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि भारत के अभियान ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत पिछले 24 घंटों में भारत के लिए छह उड़ानें रवाना हुई हैं।
जयशंकर ने बुधवार को सुबह ट्वीट किया, ‘ऑपरेशन गंगा संबंधी जानकारी। पिछले 24 घंटों में छह उड़ानें भारत के लिए रवाना हुई हैं। इनमें पोलैंड से पहली उड़ान भी शामिल है। यूक्रेन से 1,377 से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया है।’ वहीं, वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल संदीप सिंह ने बताया कि यूक्रेन में फंसे नागरिकों को निकालने के लिए तीन विमान रवाना हो गए हैं।
भारतीय वायुसेना का एक सी-17 ग्लोबमास्टर विमान यूक्रेन के वास्ते राहत सामग्री लेकर बुधवार को सुबह रोमानिया के लिए रवाना हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इससे पहले, पोलैंड स्थित भारतीय दूतावास द्वारा जारी परामर्श में भारतीयों को शेहयानी - मेड्यका सीमा से बचने की सलाह दी गई है जहां पर भारी भीड़ है और लोगों को सीमा पार करने के लिए लंबी कतार में खड़ा होना पड़ रहा है।
दूतावास ने कहा, ‘लवीव और तर्नोपिल एवं पश्चिम यूक्रेन के अन्य हिस्सों में मौजूद भारतीय यथाशीघ्र बुडोमिर्ज सीमा चौकी जा सकते हैं जहां से वे अपेक्षाकृत शीघ्र पोलैंड में दाखिल हो सकते हैं।’
परामर्श में कहा, ‘वैकल्पिक तौर पर उन्हें दक्षिण में हंगरी या रोमानिया के रास्ते निकासी की सलाह दी जाती है। उन्हें शेहनी मेड्यका सीमा चौकी जाने से बचना चाहिए जहां भारी भीड़ है।’
दूतावास ने कहा कि उसने मेड्यका और बुडोमिर्ज सीमा चौकी पर अपने अधिकारियों को भी तैनात किया है जो वहां पहुंचने वाले भारतीयों की अगवानी करेंगे और उनकी भारत वापसी को सुगम बनाएंगे।
परामर्श में कहा गया है, ‘जो लोग , पोलैंड में किसी अन्य सीमा से दाखिल हो रहे हैं और जहां पर भारतीय अधिकारियों की तैनाती नहीं की गई है वे जेजो शहर स्थित प्रेजीडेंकी, उन पोडविस्लोक्जे 48 होटल जा सकते हैं जहां पर उनके रहने की व्यवस्था की गई है। वहां से ऑपरेशन गंगा के तहत संचालित हो रही उड़ानों से उन्हें भारत भेजा जाएगा।’
दूतावास की ओर से कहा गया कि विद्यार्थी के पास रुपए नहीं होने की स्थिति में वह (दूतावास) होटल के बिल का भुगतान करेगा।
वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्द्धन शृंगला ने मंगलवार की रात को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि आगामी तीन दिन में भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए 26 उड़ानें निर्धारित की गई हैं।
उन्होंने कहा था कि बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के अलावा, पोलैंड और स्लोवाक गणराज्य के हवाई अड्डों का भी उपयोग निकासी उड़ानों के संचालन के लिए किया जाएगा।
श्रृंगला ने कहा कि पहला परामर्श जारी किए जाने पर यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय छात्र थे और तब से यूक्रेन से करीब 12,000 लोग निकाले जा चुके हैं, जो यूक्रेन में भारतीयों की कुल संख्या का करीब 60 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, ‘शेष 40 प्रतिशत में से करीब आधे लोग खारकीव - सुमी में संघर्ष वाले क्षेत्र में हैं और शेष आधे लोग या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर पहुंच गए हैं या पहुंच रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो वे संघर्ष क्षेत्र से मुख्य रूप से बाहर हैं यानी खतरे से बाहर हैं।’
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