मैसूरु/दक्षिण भारत। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न कई चुनौतियों के बावजूद, भारतीय रेलवे के मैसूरु डिवीजन ने 2021-22 में 688.18 करोड़ रुपए का सबसे अधिक माल ढुलाई राजस्व दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 54.58 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि और निर्धारित लक्ष्य से 22.60 प्रतिशत अधिक है।
इसी तरह टन भार भी, 9.09 मिलियन टन यानी पिछले वर्ष की तुलना में 32.24 प्रतिशत बढ़ा है। दिलचस्प यह है कि अकेले लौह अयस्क के परिवहन से माल ढुलाई राजस्व 503 करोड़ रुपए रहा, जो वित्त वर्ष 2020-21 के पूरे माल ढुलाई राजस्व को पार कर गया।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक और वरिष्ठ पीआरओ डॉ. मंजूनाथ कनामाडी ने बताया कि डिवीजन की व्यवसाय विकास इकाई (बीडीयू) की सजग और सतत विपणन रणनीति के सहयोग से रेलवे द्वारा शानदार प्रदर्शन किया गया। मैसूरु डिवीजन ऑटोमोबाइल्स क्षेत्र की संभावना को देखते हुए फ्रेट बास्केट में विविधता लाने की प्रक्रिया में है।
चालू वित्त वर्ष में टीवीएस समूह के 22,500 दुपहिया वाहनों सहित 20.5 रेकों को नंजनगुड टाउन रेलवे स्टेशन से देश के उत्तर और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में भेजा गया, जिससे 4 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। मैसूरु डिवीजन से लदी पारंपरिक वस्तुओं में लौह अयस्क, पेट्रोलियम उत्पाद, खाद्यान्न, चीनी, सीमेंट, गिट्टी और अन्य शामिल हैं।
पार्सल सेगमेंट में भी, डिवीजन ने 9.60 करोड़ रुपए का अब तक का सबसे अधिक राजस्व हासिल किया। चालू वर्ष में कुल 17,475 टन पार्सल उठाए गए, जो 2020-21 में दर्ज 8,534 टन की तुलना में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है।
फलों और सब्जियों सहित जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के परिवहन द्वारा कृषि क्षेत्र को मजबूत करते हुए रेल मंत्रालय की नीति के अनुरूप, मैसूरु डिवीजन ने देश के उत्तर और उत्तर-पूर्वी राज्यों में प्याज के लगभग 20,000 बैग भेजे।
इसके अलावा, नंजनगुड टाउन से 16 पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें नेस्ले उत्पादों, टायरों और अन्य को लेकर 2 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। 130 से अधिक लोडेड पार्सल वैन को तेज गति से चलने वाली यात्री गाड़ियों से जोड़ा गया, जिससे 3.36 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। यात्री मोर्चे पर, डिवीजन ने चालू वर्ष में मूल आधार पर 14.04 मिलियन यात्रियों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराते हुए 193.80 करोड़ रुपए कमाए।
इसके अलावा मैसूरु डिवीजन ने दक्षिण पश्चिम रेलवे में 2021-22 के दौरान चलने वाली मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में पिछले वर्ष के 97.91 प्रतिशत की तुलना में 99.14 प्रतिशत की समयपालन दर प्राप्त करके इसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।