श्रीलंका: कैदियों के समूह द्वारा सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमले को लेकर जांच शुरू

महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा हमला किए जाने के बाद श्रीलंका में सोमवार को हिंसा भड़क गई


कोलंबो/भाषा। श्रीलंका के जेल प्राधिकारियों ने इस सप्ताह कोलंबो में सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करने वालों पर हमला करने के लिए देश के एक जेल शिविर के कैदियों का इस्तेमाल किए जाने के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा हमला किए जाने के बाद श्रीलंका में सोमवार को हिंसा भड़क गई। कोलंबो और अन्य शहरों में हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। देश बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके कारण भोजन, ईंधन और बिजली की भारी कमी हो गई।

'न्यूज फर्स्ट वेबसाइट' ने जेल कमिश्नर जनरल तुषारा उपुलदेनिया के हवाले से बताया कि श्रीलंका के जेल अधिकारियों ने उन आरोपों की जांच शुरू की है, जिनमें दावा किया गया है कि हाल में कोलंबो में प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के लिए ‘वातरेका ओपन प्रिजन कैंप’ के कैदियों के एक समूह का इस्तेमाल किया गया था।

'न्यूज फर्स्ट वेबसाइट' की खबर में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों पर हमले के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में स्थानीय लोगों को पुरुषों के एक समूह को हिरासत में लेते हुए दिखाया गया है, जिन्होंने बाद में दावा किया कि वे ‘वातरेका ओपन प्रिजन कैंप’ के कैदी थे।

यह भी पाया गया कि हिरासत में लिए गए पुरुषों द्वारा पहनी गई पैंट, हमलावरों द्वारा पहनी गई पैंट जैसी थी।

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