गुवाहाटी/भाषा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम में कानून-व्यवस्था में सुधार और उग्रवादी संगठनों के साथ हुए शांति समझौतों का हवाला देते हुए मंगलवार को उम्मीद जताई कि जल्द ही पूरे राज्य से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) को हटा लिया जाएगा।
ज्ञात हो कि सुरक्षा स्थितियों में सुधार के साथ ही केंद्र सरकार ने पूर्व में आफस्पा के तहत आने वाले अशांत क्षेत्रों को धीरे-धीरे घटाना शुरु किया था। केंद्रीय गृह मंत्री दो दिवसीय असम दौरे पर हैं।
असम पुलिस को मंगलवार को ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ (राष्ट्रपति के ध्वज) से सम्मानित करने के बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के प्रयासों के कारण अधिकतर उग्रवादी संगठनों ने शांति समझौता किया है और ‘वह दिन भी अब दूर नहीं जब पूरा राज्य उग्रवाद और हिंसा से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।’
उन्होंने कहा, ‘सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को 23 जिलों से पूरी तरह और एक जिले से आंशिक रूप से हटा दिया गया है। मुझे विश्वास है कि पूरे राज्य से इसे जल्द हटा दिया जाएगा।’ गृह मंत्री ने कहा कि जो लोग आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट आए हैं, उनके पुनर्वास के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें काम कर रही हैं।
शाह ने कहा, ‘असम पुलिस का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। इसने उग्रवाद, सीमा संबंधी मुद्दों, हथियारों, मादक पदार्थ और मवेशियों की तस्करी, गैंडों का शिकार और जादू टोना जैसे सामाजिक मुद्दों से निपटने में सफलता प्राप्त की है और अब वह देश के अग्रणी पुलिस बलों में से एक के रूप में उभर रहा है।’
उन्होंने कहा कि यह ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ के सही हकदार हैं। इससे पहले शाह ने यहां अलंकरण परेड समारोह में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत की उपस्थिति में राज्य पुलिस को यह सम्मान दिया था।
ध्वज पर असम के नक्शे, राज्य के जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 36 सितारे, एक सींग वाले गैंडे और असम पुलिस की आदर्श पंक्ति तथा प्रतीक चिन्ह को बनाया गया है। असम इससे सम्मानित किया गया देश का 10वां राज्य है।
‘प्रेसीडेंट्स कलर’, शांति और युद्ध के दौरान राष्ट्र की अनुकरणीय सेवा के लिए किसी भी सैन्य या पुलिस इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।