योग, आयुर्वेद, सॉफ्टवेयर से स्पेस तक नए भविष्य के लिए तत्पर देश के रूप में उभर रहा भारत: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम पूरी मानवता को योग का रास्ता दिखा रहे हैं


नई दिल्ली/वडोदरा/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के वडोदरा में स्वामीनारायण मंदिर द्वारा आयोजित युवा शिविर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे संतों, शास्त्रों ने हमें सिखाया है कि किसी भी समाज का निर्माण, समाज की हर पीढ़ी में निरंतर चरित्र निर्माण से होता है। उसकी सभ्यता, परंपरा, उसके आचार-विचार-व्यवहार एक प्रकार से हमारी सांस्कृतिक विरासत की संवृद्धि से होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि मेरे युवा साथी जब इस शिविर से जाएंगे तो वो अपने भीतर एक नई ऊर्जा महसूस करेंगे, एक नई स्पष्टता और नव चेतना का संचार अनुभव करेंगे। मैं आप सभी को इस नव आरंभ, नव प्रस्थान, नव संकल्प के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के संकट के बीच दुनिया को वैक्सीन और दवाइयां पहुंचाने से लेकर बिखरी हुई सप्लाई चेन के बीच आत्मनिर्भर भारत की उम्मीद तक वैश्विक अशांति और संघर्षों के बीच शांति के लिए एक सामर्थ्यवान राष्ट्र की भूमिका तक भारत आज दुनिया की नई उम्मीद है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम पूरी मानवता को योग का रास्ता दिखा रहे हैं, आयुर्वेद की ताकत से परिचित करवा रहे हैं। हम सॉफ्टवेयर से लेकर स्पेस तक, एक नए भविष्य के लिए तत्पर देश के रूप में उभर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में सरकार के कामकाज का तरीका बदला है, समाज की सोच बदली है और सबसे खुशी की बात है कि जन भागीदारी बढ़ी है। जो लक्ष्य भारत के लिए असंभव माने जाते थे, आज दुनिया भी देख रही है कि भारत ऐसे क्षेत्रों में कितना बेहतर कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए संस्कार का अर्थ है- शिक्षा, सेवा, संवेदनशीलता, समर्पण, संकल्प और सामर्थ्य। हम अपना उत्थान करें, लेकिन हमारा उत्थान दूसरों के कल्याण का भी माध्यम बने। हम सफलता के शिखरों को छुएं, लेकिन हमारी सफलता सबकी सेवा का भी जरिया बने।

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