ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे पर क्या कहते हैं वकील?

अदालत ने पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी और सीआरपीएफ कमांडेंट को सील किए जाने वाले स्थान को संरक्षित और सुरक्षित करने की जिम्मेदारी सौंपी है


वाराणसी/भाषा/दक्षिण भारत। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की एक अदालत ने सोमवार को जिला प्रशासन को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस हिस्से को सील करने का निर्देश दिया, जहां एक शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है।

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को सुरक्षित करने की मांग पर सुनवाई करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान मस्जिद परिसर में कथित तौर पर शिवलिंग का मिलना महत्वपूर्ण साक्ष्य है।

अदालत ने जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को उस हिस्से को सील करने का आदेश दिया, जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है।

यादव के मुताबिक, अदालत ने पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी और सीआरपीएफ कमांडेंट को सील किए जाने वाले स्थान को संरक्षित और सुरक्षित करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

उन्होंने बताया कि अदालत ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया है कि जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, उस स्थान पर लोगों का प्रवेश वर्जित कर दें और मस्जिद में केवल 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दें।

इससे पहले, यादव ने संवाददाताओं से कहा था, सर्वे दल को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में नंदी की प्रतिमा के सामने वजू खाने (मस्जिद के अंदर वह जगह, जहां लोग नमाज पढ़ने से पहले हाथ, पैर और मुंह धोते हैं) के पास शिवलिंग मिला है।

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