नई दिल्ली/भाषा। इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (आईएमडी) के वार्षिक वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में भारत ने एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज सुधार के साथ छह पायदान की छलांग लगाई है। सूचकांक में भारत 43वें से 37वें स्थान पर आ गया है। मुख्य रूप से आर्थिक मोर्चे पर प्रदर्शन में सुधार से प्रतिस्पर्धा के मामले में भारत की स्थिति सुधरी है।
बेहतर प्रदर्शन करने वाली एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सिंगापुर तीसरे, हांगकांग पांचवें, ताइवान सातवें, चीन 17वें और ऑस्ट्रेलिया 19वें स्थान पर हैं।
एक वैश्विक अध्ययन के मुताबिक, 63 देशों की सूची में डेनमार्क शीर्ष पर पहुंच गया है। पिछले साल यह तीसरे स्थान पर था। जबकि स्विट्जरलैंड पहले से दूसरे स्थान पर खिसक गया है। वहीं सिंगापुर पांचवें से तीसरे स्थान पर आ गया है।
सूचकांक में शीर्ष 10 देशों में स्वीडन चौथे, हांगकांग एसएआर पांचवे, नीदरलैंड छठे, ताइवान सातवें, फिनलैंड आठवें, नॉर्वे नौवें और अमेरिका दसवें स्थान पर है।
आईएमडी ने कहा कि लगातार पांच साल तक स्थिर रहने के बाद 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धी क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है। आर्थिक मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन की वजह से भारत की स्थिति सुधरी है।
भारत जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है उनमें व्यापार रुकावटें और ऊर्जा सुरक्षा का प्रबंधन, महामारी के बाद सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को बनाए रखना, कौशल विकास एवं रोजगार सृजन, संपत्ति का मौद्रीकरण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए संसाधन जुटाना शामिल है।
डब्ल्यूसीसी के मुख्य अर्थशास्त्री क्रिस्टोस कैबोलिस ने कहा, ‘मुद्रास्फीति का दबाव अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर रहा है।’