जालौन/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के सात जिलों से गुजरने वाले 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। इसके निर्माण पर 14,850 करोड़ रुपए की लागत आई है। प्रधानमंत्री ने 29 फरवरी, 2020 को इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था। उद्घाटन कार्यक्रम में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे।
उद्घाटन के अवसर पर संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस धरती ने अनगिनत सूरवीर पैदा किए, जहां के खून में भारत भक्ति बहती है, जहां के बेटे-बेटियों के पराक्रम और परिश्रम ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है, उस बुंदेलखंड की धरती को आज एक्सप्रेसवे का उपहार देते हुए, उत्तर प्रदेश का सांसद होने के नाते मुझे बहुत खुशी हो रही है।
लेकिन मैंने हमेशा देखा कि अगर उप्र में दो महत्वपूर्ण चीजें जोड़ दी जाएं, तो उत्तर प्रदेश चुनौतियों को चुनौती देने की बहुत बड़ी ताकत के साथ खड़ा हो जाएगा। पहला मुद्दा था- यहां की खराब कानून व्यवस्था, पहले यहां क्या हाल था ये आप जानते हैं। दूसरा- हर प्रकार से खराब कनेक्टिविटी। मैं दशकों से उत्तर प्रदेश आता जाता रहा हूं, उप्र के आशीर्वाद से पिछले 8 साल से देश के प्रधानसेवक के रूप में कार्य करने का आप सबने जिम्मा दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो तीन-चार घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है। यह एक्सप्रेसवे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब माना जाता था कि यातायात के आधुनिक साधनों पर पहला अधिकार सिर्फ बड़े-बड़े शहरों का ही है। लेकिन अब सरकार भी बदली है, मिजाज भी बदला है। ये मोदी है, ये योगी है। पुरानी सोच को पीछे छोड़कर, हम एक नए तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उप्र नए संकल्पों को लेकर अब तेज गति से दौड़ने के लिए तैयार हो चुका है। यही सबका साथ है, सबका विकास है। कोई पीछे न छूटे, सब मिलकर काम करें, इसी दिशा में डबल इंजन की सरकार लगातार काम कर रही है। उप्र के छोटे-छोटे जिले हवाई सेवा से जुड़ें, इसके लिए भी तेजी से काम किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे के बगल में जो स्थान हैं, वहां बहुत सारे किले हैं। यूरोप के बहुत सारे देशों में किले देखने का बहुत बड़ा पर्यटन उद्योग चलता है। मैं आज योगी सरकार से कहूंगा कि अब बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनने के बाद आप भी इन किलो को देखने के लिए एक शानदार टूरिज्म सर्किट बनाइए।
जिस उप्र में अमेठी रायफल कारखाना सिर्फ एक बोर्ड लगाकर खड़ा था, जिस उप्र में रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री सिर्फ डिब्बों का रंग-रोगन करती थी, उस उप्र में आज इतनी गंभीरता से काम हो रहे हैं कि उसने अच्छे-अच्छे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में आज उप्र जिस तरह आधुनिक हो रहा है, यह अभूतपूर्व है। जिस उप्र में सरयू नहर परियोजना को पूरा होने में 40 साल लगे, जिस उप्र में गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट 30 साल से बंद बड़ा था, जिस उप्र में अर्जुन डैम परियोजना को पूरा होने में 12 साल लगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय में उप्र में सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज थे, आज उप्र में 35 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं और 14 नए मेडिकल कॉलेज में काम चल रहा है। पहले की सरकार के समय यूपी में हर साल औसतन 50 किमी रेल लाइन का दोहरीकरण होता था, आज औसतन 200 किमी रेल लाइन का दोहरीकरण हो रहा है। 2014 से पहले उप्र में सिर्फ 11,000 कॉमन सर्विस सेंटर थे, आज उप्र में 1.30 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास की जिस धारा पर आज देश चल रहा है, उसके मूल में दो पहलू हैं। एक है इरादा और दूसरा है मर्यादा। हम देश के वर्तमान के लिए नई सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का शिलान्यास और लोकार्पण दोनों हमारी सरकार में हुआ। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे भी इसी का उदाहरण है। इसका काम अगले साल फरवरी में पूरा होना था, लेकिन ये सात-आठ महीने पहले ही सेवा के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम समय की मर्यादा का पालन कैसे करते हैं, इसके अनगिनत उदाहरण उप्र में ही हैं। काशी में विश्वनाथ धाम के सुंदरीकरण का काम हमारी ही सरकार ने ही शुरु किया और हमारी सरकार ने ही पूरा किया। गोरखपुर एम्स का शिलान्यास भी हमारी सरकार ने किया और उसका लोकार्पण भी हमारी सरकार में हुआ।
हम कोई भी फैसला लें, निर्णय लें, नीति बनाएं, इसके पीछे सबसे बड़ी सोच यही होनी चाहिए कि इससे देश का विकास और तेज होगा। हर वो बात, जिससे देश को नुकसान होता है, देश का विकास प्रभावित होता है, उसे हमें दूर रखना है।
आजकल हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है। यह रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है। इस रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है।
रेवड़ी कल्चर वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे नहीं बनाएंगे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे। रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है, रेवड़ी कल्चर को देश की राजनीति से हटाना है। डबल इंजन की सरकार मुफ्त की रेवड़ी बांटने का शॉर्टकट नहीं अपना रही, बल्कि मेहनत करके राज्य के भविष्य को बेहतर बनाने में जुटी है।
बुंदेलखंड के विकास में बहुत बड़ी ताकत यहां के कुटीर उद्योगों की भी है। आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी सरकार द्वारा इस कुटीर परंपरा पर भी बल दिया जा रहा है। मेक इन इंडिया इसी कुटीर परंपरा से सशक्त होने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मिशन के तहत बुंदेलखंड के लाखों परिवारों को पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है। इसका बहुत बड़ा लाभ हमारी माताओं-बहनों को हुआ है। हम बुंदलेखंड में नदियों के पानी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड की एक और चुनौती को कम करने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाने के लिए हम जल जीवन मिशन पर काम कर रहे हैं। बुंदेलखंड के हर जिले में भी 75 अमृत सरोवर बनाएं जाएंगे। यह जल सुरक्षा और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ा काम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के लिए हजारों करोड़ रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं, इससे बुंदेलखंड के बहुत बड़े हिस्से का जीवन बदलने वाला है। आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर हमने देश में अमृत सरोवरों के निर्माण का संकल्प लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के स्तर पर जो काम जरूरी थे, वो भी हमने किया। इसका नतीजा ये निकाला कि आज विदेश से आने वाले खिलौनों की संख्या बहुत बड़ी संख्या में कम हो गई है। साथ ही भारत से अब बड़ी संख्या में खिलौने विदेश में जाने लगे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में खिलौने बनाना पारंपरिक व्यवसाय रहा है। मैंने खिलौना उद्योगों को नए सिरे से काम करने का आग्रह किया था। लोगों से भी भारतीय खिलौने खरीदने का आग्रह किया था। मैं आप सबको याद दिलाना चाहता हूं कि 15 अगस्त तक पूरे महीने, हिंदुस्तान के हर घर और हर गांव में आजादी का अमृत महोत्सव मनना चाहिए और शानदार तरीके से मनना चाहिए।