बिहार में दोबारा आ गया जंगल राजः भाजपा

पात्रा ने कहा कि पूरे बिहार में चोरी, स्नैचिंग, हत्या, दुष्कर्म, लूट का तांडव मचा हुआ है


नई दिल्ली/दक्षिण भारत। भाजपा नेता अरुण सिंह और डॉ. संबित पात्रा ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

अरुण सिंह ने कहा कि ‘विभाजन विभीषिका दिवस’ के कार्यक्रम के दौरान पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मूर्तियां, महापुरुषों की मूर्तियां के आस-पास स्वच्छता का कार्यक्रम किया जाएगा।

अरुण सिंह ने कहा कि आजादी से पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपनी आहुति दी, अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया कि देश आजाद हो। जो समाज अपने पूर्वजों को, अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद रखता है, उनके त्याग और तपस्या को आने वाली पीढ़ी को बताता है, तभी देश और समाज जीवंत रहता है।

डॉ. संबित पात्रा ने कहा कि 11 अगस्त को ही पटना के एक कार शोरूम में बहुत बड़ी लूट हुई और इसी दिन छपरा में जहरीली शराब के सेवन के कारण छह लोग मृत्यु को प्राप्त हुए। छपरा में इससे पहले 13 लोगों की जहरीली शराब के कारण मुत्यु हुई थी और नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में 10 लोगों की मौत हुई थी।

पात्रा ने कहा कि गठबंधन बनने के पश्चात जदयू और राजद के बीच जिस प्रकार की गतिविधियां बिहार में हुई हैं, उससे आपको अवगत कराता हूं। 10 अगस्त को बिहार में एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 11 अगस्त को एक और पत्रकार की हत्या कर दी गई और बेतिया के एक पुजारी की गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी गई।

पात्रा ने कहा कि पूरे बिहार में चोरी, स्नैचिंग, हत्या, दुष्कर्म, लूट का तांडव मचा हुआ है। बिहार में जंगल राज दोबारा आ गया है। बिहार में जिस प्रकार से तेजी से जो अव्यवस्था फैल रही है, उसका एक संस्मरण आपके सामने रखूंगा कि जिला पश्चिम चंपारण में 12 वर्षीय किशोरी से सामुहिक दुष्कर्म होता है, मुजफ्फरपुर में एक व्यवसायी के घर में दिन-दहाड़े लूट होती है, आभूषण की दुकानों में चोरी होती है।
 
तेजस्वी यादव ने 2020 में कहा था कि हम आएंगे तो 10 लाख नौकरी देंगे। जब उनसे पूछा गया कि अब आप आ गए हैं तो 10 लाख नौकरी का क्या होगा? तो तेजस्वी यादव कहते हुए नजर आते हैं कि देखिए, अभी तो हम मुख्यमंत्री नहीं बने हैं, मैंने कहा था कि जब हम मुख्यमंत्री बनेंगे तब नौकरी देंगे।

पात्रा ने कहा कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि ये ‘मैं’ की कहानी है, मतलब ‘मैं’ बनूंगा तब होगा, हम से कुछ नहीं होगा। इसी परिवारवाद के खिलाफ भाजपा सतत लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी।

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