पटना/दक्षिण भारत/भाषा। बिहार में सियासी अटकलों के बीच मंगलवार को सत्तारूढ़ राजग गठबंधन टूट गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने जदयू को कमजोर करने की कोशिश की, साथ ही अपमानित भी किया।
बता दें कि भाजपा और जदयू ने साल 2020 में विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था। अब भाजपा का साथ छोड़ने के बाद नीतीश कुमार राजद के साथ सरकार बनाने की तैयारी में हैं।
गठबंधन में दरार की खबरें मीडिया में पहले ही आ गई थीं, जिनमें बताया गया था कि नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात करने के लिए मंगलवार को शाम चार बजे का वक्त मांगा हैं।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह बात बताई। नीतीश कुमार द्वारा एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाए जाने संबंधी अटकलों के बीच यहां सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) और विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की समानांतर बैठकें हो रही थीं।
पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जदयू के सांसदों और विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में उनके आधिकारिक आवास एक अणे मार्ग पर हुई।
जदयू से जुड़े सूत्रों के अनुसार, कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्रियों के स्थान पर उन पार्टियों के सदस्यों को मंत्री बनाने की मांग कर सकते हैं, जो उनकी पार्टी को सरकार चलाने के लिए समर्थन देगी।
विपक्षी पार्टी राजद के विधायकों की बैठक पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी मां एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी के दस सर्कुलर रोड स्थित आवास पर बुलाई।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में भाजपा के पास 77, जद (यू) के पास 45, कांग्रेस के 19, सीपीआईएमएल (एल) के नेतृत्व वाले वाम दलों के पास 16 और राजद के पास 79 सीटे हैं।