नई दिल्ली/भाषा। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक प्राथमिकी दर्ज करने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसर सहित दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 21 स्थानों पर शुक्रवार को छापा मारा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है।
उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान सीबीआई के दल 21 स्थानों पर पहुंचे, जिसमें सिसोदिया और एजीएमयूटी काडर के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी एवं पूर्व आबकारी आयुक्त कृष्ण सहित चार लोक सेवकों के परिसर शामिल हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी।
उन्होंने बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, निविदा के बाद ‘‘शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित लाभ’’ पहुंचाने के लिए ‘जानबूझकर और सकल प्रक्रियात्मक चूक’ की गई।
इस बीच, सिसोदिया ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि वह सीबीआई का स्वागत करते हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘सीबीआई आई है। उनका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है। इसीलिए हमारा देश अभी तक नम्बर-एक नहीं बन पाया।’
उन्होंने कहा, ‘हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके। अभी तक मेरे खिलाफ कई मामले किए गए, लेकिन कुछ नहीं निकला। इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा। देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता।’
सिसोदिया ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘ये लोग दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में शानदार काम से परेशान हैं। इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है, ताकि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें।’