चंडीगढ़-लुधियाना ट्रैक पर होगा वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रायल

चेन्नई के आईसीएफ से यहां पहुंची ट्रेन


हुब्बली/चंड़ीगढ़/दक्षिण भारत। भारतीय रेलवे के इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ने जा रहा है। वंदे भारत एक्सप्रेस का नया वर्जन तैयार होकर पटरी पर उतर गया है। यह जानकारी दक्षिण पश्चिम रेलवे ने दी है।

इसके अनुसार, 12 अगस्त को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ट्रेन को चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) से वंदे भारत ट्रायल के लिए रवाना किया था। अब यह ट्रेन चंडीगढ़ पहुंच चुकी है। इसका ट्रायल चंडीगढ़-लुधियाना रेल ट्रैक पर होगा।

चेन्नई में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ट्रेन की खूबियों को देखा था। ट्रायल रिपोर्ट आने के बाद इस ट्रेन को किस रूट पर चलाना है, उसके बारे में विचार किया जाएगा।

आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में रेलवे की ओर से 75 वंदे भारत ट्रेनों को अगस्त 2023 तक उतारने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। टेस्ट ट्रायल सफल होने के बाद वंदे भारत का इस्तेमाल कामर्शियल रूप से किया जा सकेगा। इसी को लेकर रेलवे अपनी तैयारी तेज कर रहा है।

अंबाला रेल मंडल के चंडीगढ़-लुधियाना रेल सेक्शन पर इसका ट्रायल होगा। इसके लिए लखनऊ से रिसर्च डिजाइन स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम अंबाला पहुंच चुकी है। यह टीम 10 दिनों तक इस सेक्शन पर ट्रेन के ट्रायल में यात्री सुविधा और संरक्षा को परखेगी।

पहले की वंदे भारत और नए वर्जन में काफी अंतर है। यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए कई नए फीचर इसमें जोड़े गए हैं। यहां से ट्रायल पूरा होने के बाद इसका राजस्थान के कोटा से मध्य प्रदेश के नागदा सेक्शन तक ट्रायल होगा। वहां पर 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन को दौड़ाया जाएगा।

रूट को लेकर मंथन
मौजूदा समय में नई दिल्ली से कटरा के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दौड़ रही है। ऐसे में नए वर्जन वाली ट्रेन नई दिल्ली से चंडीगढ़ या नई दिल्ली से लखनऊ और नई दिल्ली से अमृतसर के बीच दौड़ाई जा सकती है। ऐसे रूट पर मंथन किया जा रहा है, जिस पर ट्रेन सुबह जाकर शाम को वापस आ जाए्। गौरतलब है कि ‘कवच’ तकनीक से लैस यह पहली वंदेभारत एक्सप्रेस का नया वर्जन है। पटरी पर दौड़ रही इस ट्रेन के सामने उसी पटरी पर यदि कोई ट्रेन आती है तो 380 मीटर पहले ही यह रुक जाएगी।

ये होंगी खूबियां
ट्रेन कई खूबियों से लैस होगी। अगर कोई यात्री आपातकालीन स्थिति में लोको पायलट से बात करना चाहता है तो हर कोच में चार माइक और स्विच होंगे। तकनीकी वजह से पावर फेल हो जाए तो तीन घंटे तक लाइट ऑन रहेगी। किसी यात्री द्वारा धूम्रपान करने की स्थिति में अलार्म बजेगा। ट्रेन के दरवाजे-खिड़कियों में फायर सर्वाइवल केबल लगी है। इससे आग लगने जैसी स्थिति में दरवाजे-खिड़कियों को खोलने में आसानी होगी। सीट में पुशबैक की सुविधा होगी, जिससे यह आगे-पीछे की जा सकेगी। बैक्टीरिया फ्री एयर कंडीशनिंग सुविधा युक्त इस ट्रेन को रोकने के लिए पुशबटन दिया गया है। पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम इस्टॉल होगा। साथ ही दो कोच ऐसे हैं, जिनसे पूरी ट्रेन पर नज़र रखी जा सकती है।

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