जेल महानिदेशक की हत्या में किसका हाथ? जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दिया यह जवाब

अधिकारियों ने कहा कि संदिग्ध अपराधी यासिर लोहर को गिरफ्तार करने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है


जम्मू/भाषा। पुलिस ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के महानिदेशक (कारागार) हेमंत कुमार लोहिया की हत्या की प्रारंभिक जांच में आतंकवाद का पहलू सामने नहीं आया है और मामले में मुख्य संदिग्ध उनके घरेलू सहायक को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं।

सोमवार देर रात जम्मू के बाहरी इलाके में लोहिया के आवास पर उनकी हत्या कर दी गई थी। आतंकी समूह पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने लोहिया की हत्या की जिम्मेदारी ली है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।

अधिकारियों ने कहा कि संदिग्ध अपराधी यासिर लोहर (23) को गिरफ्तार करने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है, जो रामबन जिले के हल्ला-धंडरथ गांव का निवासी है।

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने इस घटना को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा कि घरेलू सहायक फरार है और उसकी तलाश की जा रही है।

सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि संदिग्ध ने 57 वर्षीय लोहिया को जलाने का भी प्रयास किया। लोहिया को अगस्त में जेल महानिदेशक नियुक्त किया गया था।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लोहिया की हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने बड़े सम्मान और निष्ठा के साथ देश की सेवा की।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जम्मू क्षेत्र) मुकेश सिंह ने बताया कि 1992 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी लोहिया (52) शहर के बाहरी इलाके में अपने उदयवाला निवास पर मृत मिले और उनका गला रेता गया था।

उन्होंने कहा कि घटना स्थल की प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि लोहिया ने अपने पैर में तेल लगाया होगा, जिनमें सूजन दिखाई दे रही थी। उन्होंने कहा कि हत्यारे ने लोहिया का गला काटने के लिए ‘केचप’ की टूटी हुई बोतल का इस्तेमाल किया और बाद में शव जलाने की भी कोशिश की।

एडीजीपी ने कहा कि अधिकारी के आवास पर मौजूद चौकीदारों ने उनके कमरे के अंदर आग लगी हुई देखी। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था, जिसे तोड़ना पड़ा।

उन्होंने कहा कि अपराध स्थल की प्रारंभिक जांच हत्या की ओर इशारा करती है।

एडीजीपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारी के निधन गहरा दुख व्यक्त किया है।

अधिकारियों ने कहा कि घरेलू सहायक का पता लगाने के लिए विशेष टीमों द्वारा विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई है। संदिग्ध का आखिरी ठिकाना उधमपुर जिले में होने के बारे में पता चला है।

एडीजीपी ने कहा कि घटना स्थल से एकत्र किए गए सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध आरोपी को अपराध के बाद भागते हुए देखा गया है।

उन्होंने कहा, लोहर करीब छह महीने से इस घर में काम कर रहा था .. शुरुआती जांच में पता चला कि वह काफी उग्र मिजाज का व्यक्ति था और अवसाद में भी था।

पुलिस ने संदिग्ध की तस्वीरें साझा करते हुए उसकी गिरफ्तारी के लिए लोगों से मदद मांगी है।

आतंकवादी समूह ‘पीएएफएफ’ ने दावा किया कि उसके विशेष दस्ते ने इस वारदात को अंजाम दिया है।

पीएएफएफ ने एक ऑनलाइन बयान में कहा, यह इस हिंदुत्व शासन और उसका समर्थन करने वालों को चेतावनी देने के लिए इस तरह के सनसनीखेज अभियान की शुरुआत है। हम कभी भी और कहीं भी सटीक हमला कर सकते हैं। यह सुरक्षा व्यवस्था के साथ दौरे पर आए उनके गृह मंत्री के लिए एक छोटा सा तोहफा है। ईश्वर ने चाहा तो हम भविष्य में भी इस तरह के अभियान जारी रखेंगे।

हालांकि, एडीजीपी सिंह ने कहा कि शुरुआती जांच में आतंकवाद का कोई पहलू सामने नहीं आया है।

उन्होंने कहा, गहन जांच की जा रही है। उसकी (घरेलू सहायक की) मानसिक स्थिति को दर्शाने वाले कुछ दस्तावेजी सबूतों के अलावा अपराध में इस्तेमाल किया गया हथियार जब्त कर लिया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि मृतक अधिकारी के शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल जम्मू ले जाया गया है।

उपराज्यपाल ने कहा, श्री हेमंत लोहिया एक उत्कृष्ट पुलिस अधिकारी और एक अच्छे इंसान थे। उन्होंने बहुत सम्मान और समर्पण के साथ देश की सेवा की। उनके निधन से स्तब्ध और दुखी हूं। शोक संतप्त परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।

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