नई दिल्ली/भाषा। कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे ने गांधी परिवार की तरफ से पार्टी के ‘आधिकारिक प्रत्याशी’ होने की धारणा को रविवार को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी के एक कार्यकर्ता के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं तथा अध्यक्ष बन जाने पर वह गांधी परिवार और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे एवं उनके अच्छे सुझावों पर अमल भी करेंगे।
खरगे ने यह भी कहा कि उन्होंने आम सहमति का उम्मीदवार होने को लेकर अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर से चर्चा की थी। हालांकि, थरूर ने ऐसा करने से मना कर दिया और कहा कि वह चुनाव लड़ेंगे।
पार्टी अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनने के बाद पहली बार संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए 80 वर्षीय खरगे ने यह भी कहा कि वह किसी के विरोध में नहीं, बल्कि पार्टी को मजबूत बनाने तथा उसकी विचारधारा को आगे ले जाने के लिए मैदान में उतरे हैं।
अपने करीब पांच दशक के राजनीतिक जीवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरे साथियों ने मुझसे कहा कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए क्योंकि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। सभी ने कहा कि हमारा आपके साथ सहयोग है...इसके बाद मैं मैदान में उतरा।’
उन्होंने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि अनौपचारिक रूप से वह गांधी परिवार की तरफ से ‘आधिकारिक उम्मीदवार’ हैं।
खरगे ने कहा, ‘हमारे बहुत से वरिष्ठ नेताओं और युवा नेताओं ने कहा कि जब गांधी परिवार का कोई उम्मीदवार नहीं है, तो मुझे लड़ना चाहिए। उन्होंने जब मुझसे कहा और प्रोत्साहन दिया, तब मैं चुनाव लड़ रहा हूं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं (अध्यक्ष बनने के बाद) गांधी परिवार और दूसरे वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श करूंगा। इसका अर्थ यह नहीं है कि खरगे ने 50 साल की राजनीति में कुछ सीखा नहीं है। 50 साल से चुनावी राजनीति में हूं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं गांधी परिवार से पूछंगा, जो अच्छी चीजें होंगी, वो लूंगा और उन पर अमल करूंगा।’
उन्होंने थरूर का नाम लिए बगैर कहा, ‘मैं किसी के विरोध में नहीं उतरा हूं। मैं सिर्फ कांग्रेस में मजबूती लाने के लिए और पार्टी के विचारों को मजबूती देने के लिए उतरा हूं। चाहे, महात्मा गांधी के विचार हों, पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचार हों या बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के विचार हों, मैं इन विचारों को आगे ले जाने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं।’’
खरगे के अनुसार, उन्होंने पार्टी में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के सिद्धांत के तहत नामांकन वाले दिन (30 सितंबर) राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दिया।
यह पूछे जाने पर कि थरूर ने उन्हें ‘यथास्थिति रखने वाला उम्मीदवार’ बताया है तो खरगे ने कहा, ‘यह उनके विचार हो सकते हैं। वो जिस यथास्थिति की बात करते हैं, वो 9300 डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्य) तय करेंगे। हमारी पार्टी में जो बदलाव होना है, वो हमारे घर का मामला है। जो भी समिति बनेगी वो सबकी सहमति से बनेगी...जहां-जहां कुछ कमियां हैं, जहां-जहां कुछ अच्छा करना है, वो हम करेंगे।’
यह पूछे जाने पर कि भाजपा ने आरोप लगाया है कि गांधी परिवार ही पार्टी चलाएगा तो इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘भाजपा हमेशा कांग्रेस को कमतर दिखाने की कोशिश करती है। भाजपा में कब चुनाव हुए? नड्डाजी को किसने चुना? उनके पिछले अध्यक्ष भी कौनसा चुनाव जीते?’
उन्होंने कहा, ‘गांधी परिवार ने इस देश के लिए बहुत कुछ दिया है, अपनी कुर्बानी दी है, देश के लिए त्याग किया है। हमारी 10 साल (संप्रग) सरकार चली। सोनिया गांधी जी ने क्या कभी प्रधानमंत्री बनने का प्रयास किया? क्या राहुल गांधी जी को प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश की गई? इस परिवार ने जो कुर्बानी देश और पार्टी के लिए दी, वो बहुत बड़ी है।’
खरगे ने ‘जी 23’ के कई नेताओं के उनके नामांकन के मौके पर मौजूद रहने से जुड़े सवाल पर कहा कि पार्टी में ऐसा कोई समूह नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘वे लोग भी पार्टी को बचाना चाहते हैं और मिलकर भाजपा-आरएसएस को हराना चाहते हैं, इसलिए वे मेरे साथ आए।’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा, ‘मैंने थरूर से कहा था कि आम सहमति का उम्मीदवार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह चुनाव लड़ना चाहते हैं। ऐसे में मैं उन्हें कैसे कह दूं कि वह नहीं लड़ें। वह मेरे छोटे भाई हैं। घर का मामला है। सबको मिलकर रहना है।’
खरगे के अनुसार, ‘मैं यहां सिर्फ दलित नेता होने के नाते चुनाव नहीं लड़ रहा है। मैं कांग्रेस का एक कार्यकर्ता हूं और 55 साल से कांग्रेस की सेवा कर रहा हूं। एक कार्यकर्ता के रूप में चुनाव लड़ रहा हूं।’
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी जी आज ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे हैं। वह बेरोजगारी, महंगाई के खिलाफ लड़ रहे हैं, देश की एकता और सर्वधर्म समभाव के लिए लड़ रहे हैं।’’
उधर, खरगे के प्रचार में उतरने का फैसला करने वाले पार्टी के तीन प्रवक्ताओं गौरव वल्लभ, दीपेंद्र हुड्डा और सैयद नासिर हुसैन ने पद से इस्तीफा दे दिया है, ताकि चुनाप की निष्पक्षता बनी रहे।
वल्लभ ने बताया, कांग्रेस अध्यक्ष पद के निष्पक्ष चुनाव के लिए दीपेंद्र हुड्डा, सैयद नासिर हुसैन और मैंने कांग्रेस के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है, अब हम मल्लिकार्जुन खरगे के लिए चुनाव प्रचार करेंगे।
खरगे के खिलाफ पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर चुनाव मैदान में हैं। यदि पार्टी के इन दोनों नेताओं में से कोई भी अपना नामांकन वापस नहीं लेते हैं, तो 17 अक्टूबर को मतदान होगा, जिसमें 9,000 से अधिक डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्य) मतदान करेंगे। मतगणना 19 अक्टूबर को होगी। वैसे थरूर ने स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव लड़ेंगे।