नई दिल्ली/दक्षिण भारत। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को घोषणा की कि वे कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे, क्योंकि उन्होंने अपने राज्य में राजनीतिक संकट की नैतिक जिम्मेदारी ली है।
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने रविवार को हुए घटनाक्रम के लिए उनसे माफी मांगी, जब उनका समर्थन करने वाले विधायकों ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की अवहेलना की और पार्टी विधायकों की बैठक आयोजित करने के उनके कदम को विफल कर दिया।
इसके बजाय, उन्होंने गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए समानांतर बैठक की या इस बात की गारंटी मांगी कि उनके प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा।
तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे गहलोत ने खुद को पार्टी का अनुशासित सिपाही बताया और उक्त घटनाक्रम पर दुख जताया।
यह पूछे जाने पर कि क्या वे मुख्यमंत्री बने रहेंगे, गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी इस मुद्दे पर फैसला करेंगी।