नई दिल्ली/अयोध्या/दक्षिण भारत। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में लता मंगेशकर चौक के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं इस अभिनव प्रयास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का, अयोध्या विकास प्राधिकरण का और अयोध्या की जनता का हृदय से अभिनंदन करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लताजी, मां सरस्वती की एक ऐसी ही साधिका थीं, जिन्होंने पूरे विश्व को अपने दिव्य स्वरों से अभिभूत कर दिया। अयोध्या में लता मंगेशकर चौक पर स्थापित की गई मां सरस्वती की विशाल वीणा संगीत की साधना का प्रतीक बनेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लता दीदी के साथ जुड़ी मेरी कितनी ही यादें हैं, कितनी ही भावुक और स्नेहिल स्मृतियां हैं। जब भी मेरी उनसे बात होती, उनकी वाणी की युग-परिचित मिठास हर बार मुझे मंत्रमुग्ध कर देती थी। दीदी अक्सर मुझसे कहती थीं कि मनुष्य उम्र से नहीं, कर्म से बड़ा होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मुझे लता दीदी का गाया वो भजन भी याद आ रहा है, मन की अयोध्या तब तक सूनी, जब तक राम ना आए। अयोध्या के भव्य मंदिर में श्रीराम आने वाले हैं और उससे पहले करोड़ों लोगों में राम नाम की प्राण प्रतिष्ठा करने वाली लता दीदी का नाम अयोध्या शहर के साथ हमेशा के लिए स्थापित हो गया है।
जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन संपन्न हुआ था, तो मेरे पास लता दीदी का फोन आया था। वो बहुत खुश थीं, आनंद में थीं। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिरकार राम मंदिर का निर्माण शुरू हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम तो हमारी सभ्यता के प्रतीक पुरुष हैं। राम हमारी नैतिकता के, हमारे मूल्यों, हमारी मर्यादा, हमारे कर्तव्य के जीवंत आदर्श हैं। अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक, राम भारत के कण-कण में समाए हुए हैं।
भारत की हजारों वर्ष पुरानी विरासत पर गर्व करते हुए, भारत की संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाना, ये भी हमारा दायित्व है।