कांग्रेस का कोई भी नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं, मुख्यमंत्री बनना पसंद करता हैः भाजपा

कांग्रेस का संकट उस वक्त शुरू हुआ, जब रविवार की रात मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली विधायक दल की बैठक में गहलोत के वफादार कई विधायक नहीं आए


नई दिल्ली/भाषा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सतीश पूनिया ने कांग्रेस की राजस्थान इकाई में नेतृत्व को लेकर पैदा हुए संकट के मद्देनजर सोमवार को उस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसका कोई भी नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनना चाहता है और सभी या तो मुख्यमंत्री या फिर क्षेत्रीय नेता बनना पसंद करते हैं।

कांग्रेस शासित राजस्थान में उस समय राजनीतिक संकट पैदा हो गया, जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति वफादार कई विधायकों ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना को देखते हुए इस्तीफा दे दिया था। गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।

भाजपा की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष पूनिया ने कहा, ‘राजस्थान में ‘किस्सा कुर्सी का’ यह ड्रामा 2018 में शुरु हुआ था, जब विधायक दल की बैठक में गहलोत और पायलट दोनों के ही समर्थन में नारे लगे थे। फिर विभागों के बंटवारे के दौरान और जयपुर में सचिवालय में कमरों के लिए यह सिलसिला जारी रहा।’

उन्होंने कहा कि इन पूरे घटनाक्रमों के चलते राज्य की जनता प्रभावित हो रही है।

उल्‍लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस का संकट उस वक्त शुरू हुआ, जब रविवार की रात मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली विधायक दल की बैठक में गहलोत के वफादार कई विधायक नहीं आए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे। राजस्थान के अलावा छत्तीसगढ़ दूसरा राज्य है, जहां कांग्रेस की अपने बूते सरकार है।

पूनिया ने कहा, ‘कांग्रेस की हालत इतनी खराब हो गई है कि उसका कोई भी नेता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनना चाहता है। उसके नेता मुख्यमंत्री या राज्य में नेता बने रहना पसंद करते हैं।’

राजस्थान से भाजपा के सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने भी कुछ इसी प्रकार की भावनाएं व्यक्त कीं और कहा, इस ड्रामे से पर्दा हटाने का समय आ गया है। बेहतर होगा कि जनता को राहत देने के लिए वे इस्तीफा दे दें। कांग्रेस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस में लोकतंत्र है ही नहीं। इन्होंने जब भी इसका नाटक किया, पार्टी टूटने के कगार पर आ गई। लेकिन इसके चलते राजस्थान की जनता पिस रही है। गांव, गरीब, महिला, किसान, सब हर तरह से त्रस्त हैं। बेहतर होगा, जनता को राहत देने के लिए ये सच में त्यागपत्र दें।’

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