ऊना/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के ऊना में फार्मा, शिक्षा और कनेक्टिविटी से संबंधित परियोजनाओं का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुरुनानकजी को स्मरण करते हुए, गुरुओं का स्मरण करते हुए, मां चिंतपूर्णी के चरणों में नमन करते हुए, धनतेरस और दीपावली से पहले हिमाचल को हजारों करोड़ रुपए का उपहार देते हुए मुझे खुशी हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने यहां इतना लंबा समय बिताया है कि जब भी ऊना आता हूं, पिछली यादें आंखों के सामने आ जाती हैं। मुझे कई बार मां चिंतपूर्णी देवी के सामने माथा टेकने और आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे याद है, हिमाचल का हाल क्या था। कहीं विकास का नाम नजर नहीं आता था, चारो तरफ अविश्वास की खाई, निराशा के पहाड़ और गड्ढे ही गड्ढे थे। उन्होंने इन गड्ढों को भरने का सोचा ही नहीं। हमने उन गड्ढों को तो भरा और अब मजबूती से नई इमारतें बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका बहुत बड़ा नुकसान मेरे हिमाचल ने उठाया है। यहां की युवा पीढ़ी और माताओं-बहनों ने उठाया है। लेकिन अब समय बदल गया है, हमारी सरकार न सिर्फ लोगों की जरूरतें पूरी कर रही है, बल्कि जनता जनार्दन की आशाएं, अपेक्षाएं, उन्हें पूरा करने के लिए पूरी शक्ति से काम में जुट गई है।
हिमाचल में पहले जो सरकारें रहीं और दिल्ली में भी जो लोग बैठे थे, वो आप लोगों की जरूरतों को पूरा करने में उदासीन रहे। आपकी आशा और आकांक्षाओं को वो कभी समझ ही नहीं पाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का नया भारत, पुरानी सारी चुनौतियों पर तेजी से काम कर रहा है। जो सुविधाएं पिछली शताब्दी में ही लोगों तक पहुंच जानी चाहिए थीं, वे अब लोगों तक पहुंच रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सिर्फ लोगों की 20वीं सदी की जरूरतें ही पूरी नहीं कर रहे, बल्कि 21वीं सदी की आधुनिक सुविधाएं भी हिमाचल के घर-घर ले जा रहे हैं। इसलिए आज हिमाचल के विकास के लिए अभूतपूर्व काम हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एक तरफ जहां हिमाचल में दोगुनी गति से ग्रामीण सड़कें बनाई जा रही हैं, वहीं तेजी से ग्राम पंचायतों तक कनेक्टिविटी भी पहुंचाई जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 40 साल पहले, एक छोटी-सी रेल लाइन पर दिल्ली में बैठी हुई सरकार ने मोहर लगा दी, फाइल बना दी और हस्ताक्षर कर दिए। चुनाव आने पर लोगों की आंखों में धूल झोंक कर वोट भी बटोर लिए, लेकिन इन जमीन पर एक रत्ती भर भी काम नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ जहां हिमाचल में हजारों शौचालय बनाए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ गांव-गांव में बिजली व्यवस्था सुधारी जा रही है।