निवेश समझौतों के क्रियान्वयन में हरसंभव सहयोग देगी सरकार: बोम्मई

इनवेस्ट कर्नाटक 2022


बेंगलूरु/दक्षिण भारत। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कहा कि सरकार ने 'इनवेस्ट कर्नाटक 2022' निवेशक सम्मेलन में हस्ताक्षर किए गए सभी पूंजी निवेश समझौतों पर गंभीरता से विचार किया है। सरकार इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए अनुमति और सहयोग देगी। उन्होंने बेंगलूरु के पैलेस ग्राउंड परिसर में 'इनवेस्ट कर्नाटक, बिल्ड फॉर द वर्ल्ड 2022' कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही।

अगले तीन महीनों में मंजूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कर्नाटक में और अधिक तरीकों से उद्योग के अनुकूल माहौल बनाएगी। राज्य में अधिकतम स्तर पर कुशल और उच्च गुणवत्ता वाली उत्पादकता होनी चाहिए। केवल प्रभाव ही अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकार का अगला लक्ष्य इन्हें वास्तविकता में बदलना है। कागज पर पूंजी अब हकीकत बननी चाहिए। सरकार पहले ही 2.80 लाख करोड़ से अधिक पूंजी परियोजनाओं को मंजूरी दे चुकी है। सरकार अगले तीन महीने के भीतर पूंजी निवेश की अगली परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूंजी निवेश को लेकर काफी गंभीर है और निवेशकों को भी इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

वैश्विक स्तर पर विकसित करने की चाह

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक एयरोस्पेस, बायोटेक, अक्षय ऊर्जा समेत कई क्षेत्रों में अग्रणी है। राज्य स्टार्टअप और यूनिकॉर्न में कर्नाटक पहले स्थान पर है। कर्नाटक विनिर्माण क्षेत्र, सेवा क्षेत्र, आईटीबीटी क्षेत्र, स्टार्ट-अप क्षेत्र में मजबूत है। कर्नाटक में पहले से स्थापित प्रतिष्ठित उद्योग राज्य में ही और विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में उद्योगों का विश्व स्तर पर विकास होना चाहिए। आइए, हम सब मिलकर विश्व विकास का संकल्प लें।

विश्व स्तरीय अनुसंधान केंद्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक अनुसंधान के लिए अनुसंधान एवं विकास नीति पेश करने वाला पहला राज्य है। छोटे गैरेज से लेकर बड़े संगठन तक रिसर्च पर जोर दिया जाएगा। राज्य में आईआईटी, आईआईएम, आईआईएससी, डीआरडीओ सहित प्रमुख संस्थान स्थित हैं। 400 अंतरराष्ट्रीय मानक अनुसंधान केंद्र बेंगलूरु में स्थित हैं। दुनियाभर के करीब 10 हजार इंजीनियर बेंगलूरु स्थित कंपनियों में शोध कार्य कर रहे हैं। जीनोमिक्स से एयरोस्पेस क्षेत्र में शोध किए जाते हैं। कर्नाटक ही नहीं, भारत, विश्व, बल्कि संपूर्ण मानव जाति का विकास कर्नाटक में होता है। केंद्रीय नीति आयोग के सूचकांक के अनुसार, कर्नाटक नवाचार में पहले स्थान पर है।

7 लाख करोड़ का पूंजी निवेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक कोविड के बाद बड़े पैमाने पर निवेशक सम्मेलन की मेजबानी करने वाला पहला राज्य है। कर्नाटक के ऊर्जा, विरासत और उद्योग के अनुकूल वातावरण ने 7 लाख करोड़ से अधिक की पूंजी प्रवाह को सक्षम किया है। पहले हमें खुद पर विश्वास करना होगा। हमें अपनी ताकत और क्षमताओं पर भरोसा होना चाहिए। कर्नाटक में कोविड द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया गया। प्रभावी ढंग से कोविड का प्रबंधन करें और कोविड के बाद के कर्नाटक के विकास के लिए तैयारी करें। कोविड के बाद विश्व आर्थिक परिदृश्य बदल रहा है और कर्नाटक इस बदलाव के लिए तैयार था। कर्नाटक आर्थिक सुधार में देश का अग्रणी राज्य है। राज्य ने ही यह काम हाथ में लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य ने बदलाव का बीड़ा उठाया और पूरे देश के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश किया।

प्रगतिशील सोच आधारित नीतियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के बाद के परिदृश्य में, राज्य की आर्थिक वृद्धि पहले की तुलना में अधिक थी। पिछले साल के सिर्फ छह महीनों में राजस्व लक्ष्य से 13,000 करोड़ अधिक रहा।  यह हमारे राज्य की ताकत है। कर्नाटक जीएसटी संग्रह में दूसरे स्थान पर है। राज्य में प्रगतिशील सोच की नीतियां हैं। यहां ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, इंडस्ट्रियल इंसेंटिव पॉलिसी, सेमीकंडक्टर पॉलिसी, ईवी पॉलिसी, आरएंडडी पॉलिसी हैं।

उद्योगों के लिए बढ़ा प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में रोजगार नीति है। कर्नाटक के लोगों को समृद्ध बनाकर राज्य को समृद्ध होना चाहिए। यह कड़ी मेहनत और नौकरी के अवसरों से ही संभव है। इसी नेक इरादे से कर्नाटक में रोजगार नीति लागू की गई है। कर्नाटक में पूंजी निवेश के लिए सभी प्रकार के प्रोत्साहन दिए जाएंगे। अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले उद्योगों को अधिक प्रोत्साहन दिया जाएगा। कर्नाटक में सभी चुनौतियों का समाधान होगा। सरकार समस्या का हिस्सा नहीं, बल्कि समाधान का हिस्सा होगी। नीतियां, बुनियादी ढांचा मुहैया कराया जाएगा। यह राज्य में पूंजी निवेश के लिए सबसे अच्छी जगह है। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश आपको जल्द से जल्द प्रतिफल देगा।

चुनौतियों को अवसरों में बदल रहे

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है। इसके कारण हम हमेशा बढ़ती दक्षता के साथ आगे बढ़ते हैं। हमारी प्रतियोगिता विश्व स्तरीय है। दुनिया के कई देश, जो कोविड के बाद आर्थिक रूप से आगे थे, अब महंगाई समेत कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। ऐसे में दुनिया की निगाहें भारत जैसे विकासशील देशों पर टिकी हैं। सबसे महत्वपूर्ण गंतव्य भारत है। इसलिए यहां चुनौतियों को अवसरों में बदला जा रहा है।

निवेशकों को कर्नाटक पर भरोसा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूरदर्शी नेता हैं। उनकी 2025 तक भारत के हर घर में पाइप से पेयजल पहुंचाने की महत्वाकांक्षा है। इस अत्यंत कठिन कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहे हैं। यह उनकी दक्षता है। मेक इन इंडिया, सब का साथ सब का विश्वास, आत्मनिर्भर भारत जैसी अवधारणा को जारी रखा जाएगा। यहां डबल इंजन वाली सरकार है। केंद्र सरकार राज्य को हर तरह का सहयोग दे रही है। कर्नाटक सतत आर्थिक विकास देख रहा है। राज्य में निवेश की मात्रा इसके प्रति निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है। राज्य की आर्थिक प्रगति में भाग लेने के लिए कर्नाटक में निवेश करने वाली कंपनियों को बधाई। हमें पूरा विश्वास है कि हमारी सरकार 2025 में अगले 'इनवेस्ट कर्नाटक' निवेशक सम्मेलन का फिर से आयोजन करेगी।

इस मौके पर कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रह्लाद जोशी, राजीव चंद्रशेखर, पीयूष गोयल, मंत्री डॉ. अश्वत्थ नारायण, मुरुगेश निरानी, एमटीबी नागराज, मैसूरु की शाही वंशज प्रमोददेवी, उद्योगपति सज्जन जिंदल, विक्रम किर्लोस्कर, ऋषभ प्रेमजी, प्रतीक अग्रवाल, राजन मित्तल, करण अडानी, मुख्य सचिव वंदिता शर्मा और अन्य गणमान्यजन मौजूद थे।

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