बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दीपावली के अवसर पर उनके कार्यालय द्वारा कुछ पत्रकारों को एक लाख रुपए नकद तोहफे के रूप में भेजकर 'घूस' देने की कोशिश के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने इसमें अपनी भूमिका से इन्कार करते हुए इसे ‘झूठ’ करार दिया, साथ ही कांग्रेस की ‘टूलकिट’ का हिस्सा भी बताया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस संबंध में लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। जांच के बाद सच सामने आ जाएगा।
बता दें कि कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दीपावली के अवसर पर कई पत्रकारों को एक लाख रुपए भेजकर ‘घूस देने की कोशिश की। उसने मांग की कि बोम्मई के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होना चाहिए। उसने आरोपों की न्यायिक जांच की भी मांग की।
वहीं, मुख्यमंत्री ने आरोपों के जवाब में कहा कि यह कांग्रेस की ‘टूलकिट’ का नतीजा है। वे झूठ फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
बोम्मई ने कहा कि उन्होंने किसी को भी नकद तोहफे देने का कोई निर्देश नहीं दिया। कांग्रेस के आरोपों पर उन्होंने कहा कि इस वजह से पत्रकारों को सामान्य तौर पर ‘चोरों’ की तरह देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो विभिन्न लोगों ने कैसे तोहफे दिए, यह ‘साफ तौर पर पता’ है और मीडिया ने इसकी खबरें दी थीं, चाहे वो आईफोन हो या लैपटॉप या सोने के सिक्के।
बोम्मई ने कांग्रेस पर सवाल दागा, ‘उनकी क्या नैतिकता है? किसी ने इस संबंध में लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है और लोकायुक्त जांच करेंगे। यह कहना सही नहीं है कि तोहफे दिए गए या सभी पत्रकारों ने तोहफे लिए। कल, कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने इसकी बहुत गलत तरीके से व्याख्या की। मैं इसकी निंदा करता हूं।’
बोम्मई ने बताया कि उन्होंने पत्रकारों को कोई भी तोहफा भेजने का निर्देश नहीं दिया था। जब उनसे उनके कार्यालय पर लगे आरोपों की जांच को लेकर सवाल पूछा गया तो कहा, ‘मामला लोकायुक्त के समक्ष है। यह पुलिस एजेंसी है। जांच से सच्चाई बाहर आने दीजिए।’