तिरुवनंतपुरम/दक्षिण भारत। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आईएस आतंकी रियाज अबू बकर के पिता ने कहा है कि अगर उनका बेटा दोषी है तो उसे जेल में मरने दिया जाए। एनआईए के छापों के दौरान पकड़े गए रियाज के बारे में कई चौंकाने वाली बातें भी सामने आई हैं।
एनआईए के मुताबिक, आरोपी रियाज श्रीलंका में ईस्टर के रोज सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य साजिशकर्ता जहरान हाशिम के वीडियो और भड़काऊ भाषण सुनता रहता था। चूंकि सोशल मीडिया में जहरान हाशिम के जहर भरे कई वीडियो मौजूद हैं जिसमें वह दूसर समुदायों की मान्यताओं के बारे में आपत्तिजनक बातें कह नजर आता है।
केरल को दहलाने के मंसूबे
जब एनआईए अधिकारियों ने केरल के पलक्कड़ में अक्षय नगर कॉलोनी से रियाज को गिरफ्तार किया तो उसके पास हाशिम से जुड़ी सामग्री बरामद हुई। अधिकारियों के मुताबिक, रियाज केरल में श्रीलंका की तरह धमाके करना चाहता था।
वहीं, रियाज के पिता ने कहा है कि यदि उनका बेटा आतंकी और देशद्रोही है तो उसे जेल में ही मरने के लिए डाल दिया जाए। उन्होंने कहा कि परिवार उसकी कोई मदद नहीं करेगा। हालांकि उन्होंने रियाज की खौफनाक गतिविधियों को लेकर अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि यह तो पता था कि रियाज भटका हुआ है लेकिन आईएस से जुड़े होने को लेकर कभी नहीं सोचा था।
सामने आया आईएस कनेक्शन
रियाज के जीजा काजा ने एक घटना का जिक्र किया, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि केरल में कट्टरपंथ किस तरह पांव पसार रहा है। काजा ने बताया कि साल 2016 में पलक्कड़ से याहिया और इसा नामक दो शख्स आईएस में शामिल हो गए थे। वे दोनों पहले ईसाई थे, लेकिन बाद में धर्म परिवर्तन कर लिया। उस समय रियाज ने काजा को बताया था कि दोनों शख्स उसके दोस्त थे। वह उनसे पलक्कड़ की एक मस्जिद में मिला था।
एनआईए के मुताबिक, साल 2016 में केरल से 22 लोग आईएस से जुड़ने के लिए अफगानिस्तान गए थे। उस समूह के दो लोगों से रियाज संपर्क में था। उसने फेसबुक पर अपना नाम अबू दुजाना रख लिया था। कला संकाय से प्राइवेट 12वीं पास करने वाले रियाज का एक छोटा भाई और शादीशुदा बहन है।
नहीं करता था परिवार की मदद
रियाज के पिता ने बताया कि वे उसे आम के काम में मदद के लिए कहते थे, जिससे उसे 500 रुपए रोज मिलते थे, लेकिन रियाज ने इनकार कर दिया। उसे धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए कहा। वह पिछले कुछ दिनों से हफ्ते में दो बार परफ्यूम बेचने जाता थ। वह परिवार की मदद नहीं करता था।
इंटरनेट से धार्मिक शिक्षा
रियाज ने यह भी दावा किया कि वह इंटरनेट के जरिए धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर रहा था। परिजनों ने बताया कि घर से करीब आठ किमी की दूरी पर मदरसा होने के कारण वह उससे पढ़ाई नहीं कर पाया। दूसरी ओर, ग्रामीण भी कहते हैं कि उन्हें यह नहीं पता था कि रियाज का ताल्लुक आईएस से हो सकता है। वह लंबी दाढ़ी और लंबे बाल रखता था।
इसके अलावा एक व्यक्ति ने संदेह जताया कि वह काफी रूढ़िवादी विचारधारा से प्रभावित लगता था। रियाज से जुड़ी उक्त जानकारी सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी यह मामला काफी चर्चा में है। हजारों यूजर्स ने कहा है कि भारत सरकार को कट्टरपंथ जैसे मामलों में और सख्ती बरतते हुए सोशल मीडिया पर मौजूद भड़काऊ सामग्री को ब्लॉक कर देना चाहिए।
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