तिरुवनंतपुरम। केरल में साक्षरता परीक्षा में सर्वोच्च स्थान हासिल कर इतिहास रचने वाली 96 वर्षीया दादी मां को सम्मानित किया गया है। देशभर में उनकी इस उपलब्धि को खूब सराहा जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी उनके खूब चर्चे हैं। अब उन्हें राज्य सरकार ने सम्मानित किया है। पिछले दिनों केरल के अलप्पुझा जिले की निवासी कार्तियानी अम्मा ने साक्षरता परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक लाकर लोगों को चौंका दिया था।
कार्तियानी ने 96 साल की उम्र में साक्षर होने का निश्चय किया और वे ‘अक्षरलक्षम’ साक्षरता मिशन की परीक्षा में बैठीं। जब इस परीक्षा का नतीजा आया तो उन्हें 98 प्रतिशत अंक मिले। इसके बाद देश-विदेश के अखबारों में कार्तियानी का जिक्र होने लगा और उनकी यह उपलब्धि बहुत प्रेरणादायक मानी गई।
परीक्षा का नतीजा आने के बाद कार्तियानी ने इच्छा जाहिर की थी कि अब वे कम्प्यूटर सीखना चाहती हैं। इनकी इच्छा का सम्मान करते हुए बुधवार को दिवाली के अवसर पर उन्हें राज्य सरकार की ओर से लैपटॉप भेंट कर सम्मानित किया गया है। परीक्षा में अव्वल आने के बाद से ही कार्तियानी बेहद खुश हैं। अब उन्हें लैपटॉप मिल गया है, जिससे यह खुशी और ज्यादा बढ़ गई है।
कार्तियानी ने इसी साल अगस्त में आयोजित साक्षरता परीक्षा में भाग लिया था। 31 अक्टूबर को उसके नतीजे घोषित हुए, तो वे अव्वल आईं। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया में खूब शेयर की गईं। विदेशों से भी उन्हें बधाइयां दी जाने लगीं। लोगों ने 96 साल की उम्र में हासिल इस उपलब्धि को एक मिसाल बताया और यह कहा जाने लगा कि हौसले मजबूत हों तो कुछ भी नामुमकिन नहीं।
कार्तियानी अम्मा के बारे में अब एक और चर्चा है। कहा जा रहा है कि साक्षरता परीक्षा में अव्वल आने के बाद उनका इरादा यहीं तक रुकने का नहीं है। वे और पढ़ना चाहती हैं, आगे बढ़ना चाहती हैं। कार्तियानी 100 साल की आयु से पहले दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने का इरादा रखती हैं। लोगों ने इन्हें शुभकामनाएं दी हैं कि वे स्वस्थ रहें और इस उपलब्धि को जरूर हासिल करें।
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