पलक्कड़/भाषा। केरल में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में पलक्कड़ सीट पर युवा बनाम बुजुर्ग की लड़ाई में भाजपा की तरफ से ‘मेट्रोमैन’ ई. श्रीधरन कांग्रेस के मौजूदा विधायक शफी परमबिल को चुनौती देंगे और प्रौद्योगिकीविद् के अपने करिश्मे को वोटों में तब्दील करने की कोशिश करेंगे।
इस बार पलक्कड़ में त्रिकोणीय चुनाव की उम्मीद है क्योंकि सत्तारूढ़ एलडीएफ ने भी भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देते हुए पहली बार यहां से अपना उम्मीदवार उतारा है। यह सीट 2011 से यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के पास है।हाल के नगर निकाय चुनावों में पलक्कड़ में अपनी सफलता से उत्साहित भाजपा ने 38 वर्षीय परमबिल के मुकाबले 88 वर्षीय श्रीधरन को चुनावी मैदान में उतारा है। परमबिल तीसरी बार चुनाव जीतने की उम्मीद कर रहे हैं।
प्रौद्योगिकीविद से नेता बने श्रीधरन लोगों से बात कर रहे हैं और उन्हें छह अप्रैल को वोट डालने की याद दिलाते हुए एक जगह से दूसरी जगह तेजी से प्रचार कर रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी के तौर पर श्रीधरन के अप्रत्याशित रूप से चुनावी मैदान में उतरने से खजूर के पेड़, धान के खेत और रथ दौड़ की भूमि पलक्कड़ पर देशभर के लोगों की निगाहें हैं।
यूडीएफ ने एक बार फिर परमबिल पर भरोसा जताया है वहीं सत्तारूढ़ माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ हाल के नगर निकाय चुनावों में किए गए अपने अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित है। उसने इस सीट पर एक नये चेहरे सीपी प्रमोद को उतारा है। 2016 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर कुल 1.37 लाख वोट पड़े थे। शफी को 57,559 वोट मिले थे जबकि उनकी निकट प्रतिद्वंद्वी भाजपा की शोभा सुदंरन को 40,076 वोट मिले थे और माकपा उम्मीदवार एनएन कृष्णादास को 38,675 वोट मिले थे।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि पलक्कड़ के मतदाता पिछले 10 सालों में उनके प्रदर्शन से खुश हैं और उन्हें विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का एक और मौका देंगे। अपने तेजतर्रार भाषणों के लिए पहचाने जाने वाले शफी युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
बहरहाल श्रीधरन युवाओं के बीच लोकप्रिय होने को लेकर बेफिक्र है और वह सीमित समयसीमा में अधिकतम मतदाताओं तक पहुंचने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। श्रीधरन हाल ही में सुर्खियों में तब आए जब कुछ मतदाताओं द्वारा उनके पैर धोने की तस्वीरें वायरल हो गई।
उनके आलोचकों ने आरोप लगाया कि ये तस्वीरें उनकी ‘सामंतवादी मानसिकता’ को दिखाती है जबकि श्रीधरन ने कहा कि बड़ों के पैर धोना ‘भारतीय संस्कृति को दर्शाता है।’ उन्होंने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान विकास के बारे में ज्यादा और राजनीति के बारे में कम बातें कीं।
वहीं एलडीएफ प्रत्याशी प्रमोद कांग्रेस और भाजपा को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और वह अधिकतम मतदाताओं तक पहुंचने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। इस सीट पर उनकी उम्मीदें पिछले संसदीय चुनाव के दौरान पलक्कड़ विधानसभा सीट पर वाम मोर्चे को मिले वोटों पर टिकी हैं। एलडीएफ प्रत्याशी एम बी राजेश को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान 32.83 प्रतिशत वोट मिले थे।