तिरुवनंतपुरम/दक्षिण भारत। केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को दुष्कर्म के आरोपी जालंधर के पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने केरल में कोरोना वायरस के मामलों में बड़ी तेजी का हवाला देते हुए उसके खिलाफ सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया था।
उसने अपनी याचिका में कहा कि कोविड-19 महामारी की स्थिति के मद्देनजर उसके वकीलों को कोट्टायम ट्रायल कोर्ट में पेश होने में मुश्किल हो रही है और स्थिति सामान्य होने पर दो महीने बाद सुनवाई फिर से शुरू की जा सकती है।
लेकिन अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए उसकी याचिका का विरोध किया कि यह मुकदमे में देरी करने की योजना का हिस्सा है। उसने कहा कि जब गवाहों को भारी दुश्मनी और खतरे का सामना करना पड़ रहा है, तो इस समय मामले को स्थगित करना अनुचित होगा। अभियोजन पक्ष ने मुकदमे में देरी को लेकर कई प्रयासों का भी हवाला दिया। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों से सहमति जताई और मुलक्कल की याचिका खारिज कर दी।
याचिका खारिज होने के बाद, कोट्टायम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में सुनवाई जारी रहेगी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 5 अक्टूबर तय की है। चूंकि कार्यवाही चल रही है, तो कैमरा सहित प्रेस को मामला कवर करने की अनुमति नहीं है।
बता दें कि जालंधर के पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल पर आरोप है कि उसने 2014 और 2016 के बीच 44 वर्षीया नन के साथ दुष्कर्म किया। वह सितंबर 2018 में गिरफ्तार हुआ, लेकिन बाद में जमानत मिल गई।