कोट्टायम/जालंधर/दक्षिण भारत। केरल के कोट्टायम में अतिरिक्त सत्र अदालत ने गुरुवार को जालंधर के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ आरोप तय किए। मुलक्कल पर एक नन द्वारा कई बार दुष्कर्म का आरोप है। जज ने मुलक्कल के खिलाफ बलात्कार, आपराधिक धमकी, गलत तरीके से कैद में रखने और महिला के शील का अपमान करने के आरोपों को पढ़ा। वहीं, मुलक्कल ने खुद पर लगे सभी आरोपों से इंकार किया।
औपचारिक रूप से तैयार आरोपों के बाद अदालत ने पीड़िता के परीक्षण के लिए 16 सितंबर को मामले की सुनवाई के लिए तय किया। मुलक्कल ने पिछले सप्ताह अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। उसे राज्य छोड़ने की अनुमति दी गई थी, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर इसके सामने उपस्थित होने के लिए कहा गया था।
अदालत ने पिछले महीने उसकी जमानत रद्द कर दी थी जब वह बार-बार उसके सामने पेश होने में विफल रहा था। बाद में उसने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया, जिन्होंने इस मामले पर रोक लगाने के लिए अपनी याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया था।
इसके बाद उसने कोट्टायम में ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण किया, जिसने उसे कहा कि चार्जशीट पढ़े जाने से पहले वह राज्य न छोड़े।
बता दें कि यह मामला 2018 में सामने आया था जब 43 वर्षीया नन ने कोट्टायम में पुलिस को शिकायत की थी कि साल 2014 और 2016 के बीच मुलक्कल ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया था। हालांकि, मुलक्कल ने यह कहते हुए आरोपों को खारिज किया कि उसे फंसाया जा रहा है, चूंकि उसने नन के खिलाफ कॉन्वेंट में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में कार्रवाई की थी।
नन के आरोपों की जांच करने वाली एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने सितंबर 2018 में मुलक्कल को गिरफ्तार किया था। उसे 40 दिन जेल में बिताने के बाद जमानत दी गई थी। बाद में उसे बिशप के पद से हटा दिया गया था। एसआईटी ने पिछले साल उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया लेकिन वह अदालत में पेश होने में कई बार विफल रहा। याचिकाकर्ता ने यह भी शिकायत की थी कि कुछ गवाहों को मुलक्कल के अनुयायियों द्वारा धमकी दी गई।