बेंगलूरु/दक्षिण भारत
सोने की खपत के मामले में केरल पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के बाद पूरे देश में दूसरे नंबर पर है। यहां सोने की तस्करी बड़े पैमाने पर होती रही है, जिसका एक कारण अधिक टैक्स दर भी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी के मामले में एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) की जांच के आदेश दे दिए थे, जिसके बाद शनिवार रात को इस तस्करी गिरोह की मुखिया मानी जानेवाली स्वप्न प्रभा सुरेश और उसके सहयोगी संदीप नायर को एनआईए ने एक सप्ताह तक पीछा करने के बाद बेंगलूरु के एक होटल से दबोच लिया है। स्वप्ना प्रभा सुरेश, सरित और संदीप नायर के साथ ही एर्नाकुलम का फाजिल फरीद इस मामले के मुख्य आरोपी हैं। इनके खिलाफ 30 किलोग्राम 24 कैरट सोने की तस्करी में लिप्त होने का आरोप है, जिसकी बाजार कीमत 14.82 करोड़ रुपए आंकी गई है।
फोन कॉल ने करवाया गिरफ्तार
बताया जाता है कि स्वप्न प्रभा सुरेश और संदीप नायर ने बेंगलूरु से अपने किसी परिचित को फोन किया था। एनआईए के कान इससे खड़े हो गए। बताया जाता है कि स्वप्न प्रभा, उसके परिजन और संदीप दो दिन पहले केरल से बेंगलूरु पहुंचे थे। यह पता नहीं लग सका है कि यह सभी लोग केरल से बाहर निकलकर बेंगलूरु कैसे पहुंचे। बेंगलूरु पहुंचकर वह सभी बीटीएम ले—आउट स्थित एक होटल में रुके। बाद में सभी कोरमंगला के आॅक्टेव स्टूडियो होटल जाकर ठहर गए। इन लोगों ने होटल में दो कमरे बुक करवाए थे।
जानकारी के मुताबिक, एनआईए के अधिकारियों ने इन सभी को गिरफ्तार करने के बाद उनसे पासपोर्ट, तीन मोबाइल फोन और ढाई लाख रुपए जब्त किए हैं। इससे पहले जिस समय सीमा शुल्क विभाग के अधिकारी शनिवार को तिरुवनंतपुरम के अरुविक्करा इलाके में स्थित संदीप नायर के घर पर छापेमारी कर रहे थे, उसी समय संदीप ने घर पर अपने भाई को बेंगलूरु से फोन कॉल किया था। अधिकारियों के पूछने पर संदीप के भाई ने उन्हें यह कहकर चकमा देने की कोशिश की कि बेंगलूरु के किसी अधिवक्ता ने उनसे संपर्क किया था। बहरहाल, सीमा शुल्क अधिकारियों ने संदीप के भाई से वह नंबर प्राप्त कर एनआईए को सौंप दिया, जिससे सभी आरोपियों के बेंगलूरु होने की जानकारी मिल सकी।