पुडुचेरी/नई दिल्ली/भाषा। पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी द्वारा उन्हें ‘राक्षस’ कहे जाने के बाद शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह कोई रबड़ स्टांप प्रशासक हैं, जिसका काम सिर्फ हस्ताक्षर करना है।’ उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री एक प्रशासक को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं जो मामला-दर-मामला के आधार पर उन्हें भेजी जाने वाली फाइलों पर अपने विवेक का इस्तेमाल करती है।
उन्होंने कहा, अगर आप उपराज्यपाल से किसी बात पर स्वीकृति चाहते हैं तो आप पहले से ही स्वयं निर्णय नहीं कर सकते हैं। फाइल को अच्छी तरह देखने के दौरान मैं अपने विवेक का इस्तेमाल करूंगी और वे मुझसे यह उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि मैं इस पर अपने आप हस्ताक्षर कर दूंगी। बेदी ने खुद को ‘राक्षस’ कहे जाने के विरोध में मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के खिलाफ हमला जारी रखते हुए शनिवार को कहा, मुख्यमंत्री ‘असली राक्षसों’ को नहीं पहचानते, अगर वे चाहें तो असली राक्षसों को पहचानने में मैं उनकी मदद करूंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुडुचेरी में जिस दिन से उन्होंने (बेदी ने) पदभार संभाला है तब से कांग्रेस सरकार उन्हें अपने इशारे पर चलाना चाहती है। उन्होंने कहा, मुझसे उनकी जो उम्मीदें थीं, शुरू से ही वो उनके उलट रहीं। हो सकता है वे इसके उलट व्यवहार के आदी रहे हों।
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने उन्हें यह एहसास दिलाया कि वह कोई रबड़ स्टांप प्रशासक नहीं हो सकतीं जो सिर्फ हस्ताक्षर करे, तब उन्होंने उनके खिलाफ अशोभनीय, असभ्य और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। बेदी ने कहा कि इस मुद्दे को वह अपनी मासिक रिपोर्ट में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के सामने उठाएंगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय से उनके राजनीतिक विरोधी उनके खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी कर रहे हैं, पोस्टर चिपका रहे हैं, कार्टून बना रहे हैं और उनकी अशोभनीय कैरिकेचर बनाकर प्रदर्शित कर रहे हैं। वह इससे पहले भी केंद्र और उसके कैबिनेट सहयोगियों से नारायणसामी के खिलाफ शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है।
बेदी ने कहा, एक तरफ कांग्रेस सरकार नेतृत्व पुडुचेरी के लिये पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ वे संवैधानिक प्रावधानों के तहत मौजूदा उपप्रशासक को मिले अधिकारों एवं जिम्मेदारियों को स्वीकारना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा, केंद्र प्रशासित क्षेत्र अधिनियम और व्यापार एवं वित्तीय शक्तियां नियम के तहत मेरे पद के लिये निहित अधिकारियों और जिम्मेदारियों के साथ मैं अपने कर्तव्य का निर्वहन करती रहूंगी। उन्होंने कहा कि वह उनके (नारायणसामी के) दुर्व्यवहार के बजाय अपने काम पर कहीं ‘अधिक ध्यान’ देती हैं।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें ‘राक्षस’ कहे जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए वह उनकी इस टिप्पणी को असंसदीय, असभ्य, अनुचित, अशोभनीय और अस्वीकार्य बता चुकी हैं। अपने व्हाट्सऐप संदेश में उन्होंने नारायणसामी से केंद्र प्रशासित क्षेत्र में जमीन हथियाने वाले और रंगदारी वसूलने वालों के रूप में मौजूद कई ‘असली राक्षसों’ की पहचान करने को कहा। उन्होंने कहा कि इन राक्षसों को गुंडा भी कहा जाता है और अब इन पर पुलिस की नजर है। उन्होंने पुडुचेरी के पुलिस महानिदेशक बालाजी श्रीवास्तव द्वारा ऐसे राक्षसों की हिस्ट्री शीट खोलने के आदेश को रेखांकित किया। इसके तहत को ऐसे सभी राक्षसों का काला-चिट्ठा एकत्र कर इसमें उनके साथियों और उनसे लाभ हासिल करने वालों की जानकारी रखने को कहा गया था।
बेदी ने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री ‘असली राक्षसों’ की पहचान करना चाहते हैं तो वह उनकी मदद करेंगी। उन्होंने कहा कि वह अपने आधिकारिक निवास स्थान राज निवास’ में खुली शिकायत समाधान प्रणाली के माध्यम से नियमित आधार पर इन ‘राक्षसों’ के बारे में सुनती आ रही हैं। उन्होंने कहा, मुझे ‘राक्षस’ कहना गलत पहचान का मामला है क्योंकि राक्षस पुडुचेरी को जल-सम्पन्न नहीं बनाते और वहां पेड़ नहीं लगाते या भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में तेजी नहीं दिखाते और न ही पुडुचेरी में सीबीआई की एक शाखा खोलने के लिये कहते। पुडुचेरी में 31 अक्टूबर को कांग्रेस की एक बैठक में नारायणसामी ने बेदी के खिलाफ यह टिप्पणी की थी। उन्होंने कथित रूप से कहा था कि उनकी सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों के बहुत से काम को पूरा करने का भरपूर प्रयास कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने उपप्रशासक के रूप में एक ‘राक्षस’ को नियुक्त किया है जो कथित रूप से कई कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में बाधा डालती रहती हैं।