शशिकला और दिनाकरण की नियुक्ति रद्द

शशिकला और दिनाकरण की नियुक्ति रद्द

चेन्नई। एकीकृत अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्ना द्रमुक) की आम परिषद ने मंगलवार को वीके शशिकला को पार्टी के अंतरिम महासचिव और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरण को उपमहासचिव के पद से हटा दिया। आम परिषद की यहां हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर इन दोनों को उनके पद से हटाने के अलावा उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम और मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी के नेतृत्व में बनी स्थायी समिति को मंजूरी प्रदान कर दी। अब पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी को ही पार्टी में किसी को शामिल करने अथवा उससे निकालने का अधिकार होगा। परिषद ने यह फैसला भी किया है कि अब पार्टी में कोई महासचिव नहीं होगा और दिवंगत जे जयललिता को ही पार्टी का स्थायी महासचिव माना जाएगा।

इस बैठक में परिषद के 2140 सदस्यों में से 95 प्रतिशत से अधिक सदस्य उपस्थित थे। आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में दोषी शशिकला फिलहाल बेंगलूरु जेल में कैद की सजा काट रही हैं। अन्ना द्रमुक के दो हिस्सों में टूटने के बाद पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले धड़े के साथ विलय के लिए पनीरसेल्वम की अगुवाई वाले धड़े ने शशिकला और उनके परिवार को पार्टी से दूर रखने की मांग की थी। पार्टी के दोनों धड़ों का 21 अगस्त को विलय हो गया था और पनीरसेल्वम को उप मुख्यमंत्री बना दिया गया था। विलय के विरोध में दिनाकरण के नेतृत्व में 19 विधायकों ने मुख्यमंत्री से समर्थन वापस ले लिया था जिससे पलानीस्वामी की सरकार अल्पमत में आ गयी थी। इसी के मद्देनजर यह बैठक बुलायी गई।

उधर, दिनाकरण ने इस बैठक को गैरकानूनी करार देते हुए कहा कि केवल पार्टी महासचिव को ही इस तरह की बैठक बुलाने का अधिकार है। मदुरै में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह आम परिषद की बैठक नहीं थी बल्कि दो धोखेबाजों के बीच हुए गठबंधन के बाद हुई जनसभा थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अध्यक्ष मंडल के प्रमुख ई मधुसूदन ने कार्यकारी और आम परिषद बैठक का संचालन किया। बैठक में दोनों धड़ों के विलय की सराहना, अन्ना द्रमुक के संस्थापक एमजीआर की जन्म शती समारोह के आयोजन और सुश्री जयललिता का स्मारक बनाने के निर्णय की प्रशंसा संबंधित प्रस्ताव भी पारित किए गए।

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