चेन्नई। मुख्यमंत्री ईडाप्पाडी के पलानीसामी ने गुरुवार को कहा कि समुद्री तटों से रेत खनन की नीति तैयार करने के बारे में इस संबंध में मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष लंबिम मामले में आदेश आने के बाद निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के नेता और द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन द्वारा उठाए गए प्रश्न के जवाब में यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के कार्यकाल के दौरान तुतुकुडि में अवैध खनन का मामला सामने आने के बाद गगनदीप सिंह बेदी के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच तुतुकुडि, कन्याकुमारी, मदुरै और तिरुचि स्थित रेत खदानों की जांच की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कमेटी ने अपनी जांच की रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंप दी है और न्यायालय द्वारा इस मामले पर अगली सुनवाई ४ सितम्बर २०१७ को की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अवैध ढंग से रेत खनन को रोकने की दिशा में कई कदम उठाया है। सरकार ने कई स्थानों पर रेत खनन पर रोक भी लगा दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमेटी के गठन के बाद राज्य सरकार ने ८ अगस्त २०१३ के बाद तिरुचि, कन्याकुमारी, मदुरै में तथा १७ सितम्बर २०१३ को तिरुचि और कन्याकुमारी में भी रेत खनन पर रोक लगा दी थी। उन्होंने विपक्षी पार्टी का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट किया कि उच्च न्यायालय ने इस मामले में वी सुरेश को विधि सलाहकार नियुक्त किया था। मुख्यमंत्री ने बताया कि उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने के दौरान राज्य सरकार को एक सर्वेक्षण करने और समुद्री तटों के रेत में मौजूद खनिजों के बारे में एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।पलानीसामी ने कहा कि सरकार ने समुद्री तटों का सर्वेक्षण करने के लिए भाष्करचार्य सेेटेलाइन एप्लीकेशन सेंटर एंड जियोइंफोर्मेटिक्स (बीआईएसएजीआई) से सर्विलांस के लिए मदद मांगी थी। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय में लंबित मामले मडें सुनवाई के दौरान इस बात का पता चला था कि कुछ स्थानों पर अवैध रेत खनन जारी है जिसके बाद जिला कलेेक्टरों, पुलिस अधिकारियों और अन्य विभाग के अधिकारियों की सदस्यता में तुतुकुडी, कन्याकुमारी और तिरुनेलवेली में विशेष टीमों का गठन किया था।विधानसभा में गुरुवार को कानून, न्यायालय और कारागार मंत्री सीवी षन्मुगम ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा निचली अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने का निर्णय लिए जाने के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिए जाने के बारे में सरकार समुचित कदम उठाएगी। ज्ञातव्य है कि इस सबंध में बुधवार को द्रमुक ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया था। उन्होंने कहा कि अभी तक इस संबंध में केन्द्र सरकार की ओर से कोई भी अधिसूचना राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि जब केन्द्र सरकार ने यह प्रस्ताव सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रखा तो सर्वोच्च न्यायालय ने इसे एक मामले के रुप में स्वीकार किया और सभी निचली अदालतों और राज्य सरकारों को इस संबंध में अपना जवाब सौंपने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष इस संबंध में अपनी बात बात रखी। इसी क्रम में विधानसभा में स्टालिन ने टमाटरों की कीमतों में आई उछाल के बारे में प्रश्न उठाया तो राज्य की सहकारिता मंत्री सेल्लूर के राजू ने कहा कि सरकार टमाटर और छोटे प्याज की कीमतों में हुई बढोत्तरी को कम करने की दिशा में कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को इस बात के लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में राज्य में टमाटर और छोटे प्याज की कीमत ९० रुपए से १०० रुपए के बीच हो गई है।मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के कार्यकाल के दौरान तुतुकुडि में अवैध खनन का मामला सामने आने के बाद गगनदीप सिंह बेदी के नेतृत्व में एक कमेटी ने अपनी जांच की रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंप दी है और न्यायालय द्वारा इस मामले पर अगली सुनवाई 4 सितम्बर 2017 को की जाएगी। सरकार ने अवैध ढंग से रेत खनन को रोकने की दिशा में कई कदम उठाया है। सरकार ने कई स्थानों पर रेत खनन पर रोक भी लगा दी है।
‘रेत खनन करने की नीति फिलहाल नहीं’
‘रेत खनन करने की नीति फिलहाल नहीं’