चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु के सहकारिता मंत्री सेल्लुर के राजू द्वारा राज्य में ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना को जल्द लागू करने की घोषणा के बाद खाद्य मंत्री आर कामराज ने कहा है कि केंद्र को प्रवासी कार्ड धारकों को रियायत देने के लिए राज्य को सहायता प्रदान करनी चाहिए।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खाद्य मंत्री ने कहा, राज्य में कार्यरत प्रवासी श्रमिक भी भूखे नहीं रहने चाहिए और इसलिए केंद्र सरकार को उनके लिए सहायता प्रदान करनी होगी। केंद्र जो भी देता है, हम इन प्रवासी श्रमिकों को प्रदान करेंगे।
मौजूदा कार्डधारकों के बीच आशंकाओं का निवारण करते हुए, मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि तमिलनाडु में मौजूदा सार्वजनिक वितरण प्रणाली केंद्रीय योजना में शामिल होने से बाधित नहीं होगी।
उन्होंने कहा, हमारे पीडीएस सिस्टम में हम चावल और गेहूं दे रहे हैं। दलहन और तेल रियायती दर पर दिए जाते हैं। हम 13.50 रुपए और 35 रुपए में क्रमशः अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) कार्ड धारकों और राशन कार्ड धारक को चीनी प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, हमारे पास दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा शुरू की गई मुफ्त चावल योजना भी है। यह हमारी राज्य योजना है और अन्य राज्यों पर लागू नहीं होती है।
बता दें कि ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित एक अंतर-राज्य राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना है, जो प्रवासियों को देशभर में किसी भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से अपना राशन प्राप्त करने की अनुमति देती है।
केंद्र 2020 तक इस योजना का सभी राज्यों में विस्तार करना चाहता है। वर्तमान में, तमिलनाडु लगभग 1.99 करोड़ राशन कार्ड धारकों को प्रति माह 20 किलो मुफ्त चावल प्रदान करता है। मुफ्त चावल योजना 2011 से चली आ रही है।
कामराज ने मंगलवार को दिल्ली में विभिन्न राज्यों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान केंद्र सरकार के समक्ष यही मांगें उठाई थीं। दूसरी ओर, सहकारिता मंत्री सेल्लुर के राजू ने कहा, हमें मिली जानकारी के अनुसार यदि कोई प्रवासी व्यक्ति (दूसरे राज्य से) हमारे राज्य में आता है और वह वस्तु खरीदना चाहता है, तो उस राज्य में कानून के आधार पर वह व्यवस्था के अनुसार उन वस्तुओं को यहां खरीद सकता है।