चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को आवंटित करने से कांग्रेस में ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। यहां से चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ईएम सुदर्शन नचियप्पन कांग्रेस आलाकमान के फैसले से खफा हैं। नचियप्पन ने कहा है कि चिदंबरम परिवार से लोग ‘नफरत’ करते हैं।
कांग्रेस ने शुक्रवार को तमिलनाडु में अपने आठ प्रत्याशियों की घोषणा की थी। रविवार शाम को शिवगंगा से कार्ति के नाम का ऐलान किया गया। इस सीट से कांग्रेस टिकट के प्रमुख दावेदारों में से एक नचियप्पन ने चिदंबरम परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नचियप्पन का कहना है कि आलाकमान के इस फैसले ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। उन्होंने कार्ति के लिए कहा कि वे अदालती मुकदमों का सामना कर रहे हैं।
नचियप्पन ने कहा कि लोग उस परिवार (चिदंबरम) से नफरत करते हैं, क्योंकि उन्होंने शिवगंगा क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि चिदंबरम ने उन्हें तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने से रोका। यही नहीं, करीब नौ साल तक मंत्री बनने से भी रोका। उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें किसी पद की पेशकश होती तो चिदंबरम की ओर से इसका विरोध किया जाता।
इस मामले पर कार्ति चिदंबरम ने कहा कि उनके खिलाफ किसी भी अदालत में कोई मामला नहीं है। उन्होंने सभी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने नचियप्पन द्वारा दिए गए बयान पर टिप्पणी करने से इनकार किया। इस संबंध में तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केएस अलागिरि ने कहा कि पार्टी आलाकमान के नेतृत्व को स्वीकार करना ही उचित होगा। यदि उन्हें (नचियप्पन) कोई शिकायत है तो राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से बातचीत कर सकते हैं।
बता दें कि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री रह चुके नचियप्पन पेशे से वकील हैं। वे 1999 में शिवगंगा से लोकसभा सदस्य चुने गए थे। इसके अलावा वे राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं। शिवगंगा लोकसभा क्षेत्र के लिए टिकट वितरण को लेकर उनके रुख ने कांग्रेस को उलझन में डाल दिया है।